बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय के बछवारा में एक ही परिवार के चार लोगों के जिंदा जलने से मौत के बाद एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान पीड़ित परिवार से मिलने अरवा गावं पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ितों को ढांढस बंधाया. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश समेत इंडिया गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये स्वार्थ पर बना हुआ गठबंधन है, ये बहुत दिन तक साथ नहीं चल सकते.
इंडिया गठबंधन पर चिराग का तंजः चिराग पासवान ने कहा कि इन लोगों को जब चुनाव की तैयारी करनी चाहिए तो ये लोग संयोजक चुनने की बात कह रहे हैं. आज जब इनको कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना चाहिए तो ये लोग बैठ कर एक-दूसरे को कितनी सीट दी जाएगी, इस पर लगे हुए हैं. पत्रकारों के पूछे गए सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान को लेकर कहा कि इन लोगों की यही सोच है. देश की एक बड़ी आबादी की आस्था के साथ कैसे खिलवाड़ किया जाए, यही सोच इंडिया घटक दलों की रही है.
जातीय आधार पर भेदभाव का आरोपः वहीं, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जातीय आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हकीकत यही है कि बिहार की राजनीति में जात-पात की राजनीति में भेदभाव की भावना के साथ शासन किया जाता है. इस तरह के भेदभाव का दंश एक बड़े समाज और बड़े वर्ग को भोगना पड़ता है. मुख्यमंत्री नीतीश ने दलित महादलित करने का प्रयास भी इसी उद्देश्य और इसी सोच के साथ किया था. चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान से बैर और द्वेष की वजह से हमेशा से इस समाज को प्रताड़ित करने का काम नीतीश कुमार द्वारा किया गया.
"मुख्यमंत्री के लिए कोई भी व्यक्ति बिहारी नहीं है. बल्कि मेरे मुख्यमंत्री के लिए कोई भी व्यक्ति हिंदू है, मुसलमान है. पिछड़ा है अति पिछड़ा है. राजपूत है भूमिहार है. पर वो बिहारी नहीं है. अगर एक दृष्टि से प्रदेश के हर व्यक्ति को देखा जाए. एक दृष्टि से 14 करोड़ बिहारी की चिंता की जाती तो संभवत आज बिहार एक विकसित प्रदेश होता, बेहतर जगह होता"- चिराग पासवान, अध्यक्ष, एलजेपीआर
25 लाख का मुआवजा की मांगः बछवारा में पीड़ित परिवार के लोगों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद एक वृद्ध माता-पिता कैसे अपना जीवन व्यतीत करेंगे. कम से कम इस व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन को लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लिखित रूप से आग्रह करेंगे की वह इस परिवार की चिंता करें, परिवार जो उजड़ा है उसकी चिंता करें. परिवार को पुनर्वास का पर्चा मिले. तमाम घर पक्का किया जाये. जब तक नहीं होता है तब तक उनके रहने खाने की व्यवस्था करें. साथ ही साथ 25 लाख का मुआवजा सरकार दे.
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