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बेगूसराय: पत्रकारों पर हुए देशद्रोह के फर्जी मुकदमे को वापस लेने की मांग, निकाला गया प्रतिवाद मार्च

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Published : Feb 4, 2021, 7:27 AM IST

पत्रकारों पर हुए देशद्रोही के फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर प्रतिवाद मार्च निकाला गया है. साथ ही एक सभा का आयोजन भी किया गया.

पत्रकारों ने निकाला मार्च
पत्रकारों ने निकाला मार्च

बेगूसराय: जिले में देश के 6 से अधिक पत्रकारों पर किए गए देशद्रोह जैसे फर्जी मुकदमे के खिलाफ पत्रकारों ने प्रतिवाद मार्च निकाला है. प्रेस क्लब से जुलूस के रूप में निकला गया यह मार्च विभिन्न रास्तों से होते हुए हड़ताली चौक पहुंचा. इस दौरान पत्रकारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग
पत्रकारों ने सभी पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग की है. इसके पहले पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर बैनर के साथ मार्च निकाला था. प्रेस क्लब से जुलूस निकलकर कैंटीन चौक, कचहरी चौक, नगर थाना चौक होते हुए कलक्ट्रेट के दक्षिण गेट पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ.

इसे भी पढ़ें: रूपेश मर्डर केस का खुलासा: रोडरेज में बदले की भावना ने ली जान

सभा का आयोजन
इस दौरान एक सभा का भी आयोजन किया गया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारों पर हमला करने की प्रवृति बढ़ गई है. आये दिन पत्रकारों पर दमन हो रहा है. यह अघोषित आपातकाल की तरह है.

लोकतंत्र में अभिव्यकि की आजादी है. संविधान में सबको अपनी बातें रखने का अधिकार है. लोकतंत्र के पक्ष में खड़े रहने वाले पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है. पत्रकारों पर हमले का एकजुटता के साथ प्रतिवाद होना चाहिए. तभी लोकतंत्र और संविधान को बचाया जा सकता है. - विजय कुमार, पत्रकार

बेगूसराय: जिले में देश के 6 से अधिक पत्रकारों पर किए गए देशद्रोह जैसे फर्जी मुकदमे के खिलाफ पत्रकारों ने प्रतिवाद मार्च निकाला है. प्रेस क्लब से जुलूस के रूप में निकला गया यह मार्च विभिन्न रास्तों से होते हुए हड़ताली चौक पहुंचा. इस दौरान पत्रकारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग
पत्रकारों ने सभी पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग की है. इसके पहले पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर बैनर के साथ मार्च निकाला था. प्रेस क्लब से जुलूस निकलकर कैंटीन चौक, कचहरी चौक, नगर थाना चौक होते हुए कलक्ट्रेट के दक्षिण गेट पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ.

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सभा का आयोजन
इस दौरान एक सभा का भी आयोजन किया गया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारों पर हमला करने की प्रवृति बढ़ गई है. आये दिन पत्रकारों पर दमन हो रहा है. यह अघोषित आपातकाल की तरह है.

लोकतंत्र में अभिव्यकि की आजादी है. संविधान में सबको अपनी बातें रखने का अधिकार है. लोकतंत्र के पक्ष में खड़े रहने वाले पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है. पत्रकारों पर हमले का एकजुटता के साथ प्रतिवाद होना चाहिए. तभी लोकतंत्र और संविधान को बचाया जा सकता है. - विजय कुमार, पत्रकार

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