बेगूसराय: बाढ़ प्रभावित कुछ जिलों में राज्य सरकार ने लोगों के जानमाल की सुरक्षा और तैराकी के विकास को लेकर मंजूरी दी है. इसके तहत कई जिलों में स्विमिंग पूल का विकास होगा. इसके साथ ही तैराकी के जरिए लोगों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा. लेकिन इस सूची में बेगूसराय का नाम नहीं होने से स्थानीय तैराक निराश हैं.
खिलाड़ियों की प्रतिभाओं की नहीं है कद्र
तैराक पायल पंडित का मानना है कि बेगूसराय में तैराकी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. लेकिन सरकार ने हाल के समय में तैराकी और स्विमिंग पूल के विकास के लिए जिन जिलों का चयन किया है. उस सूची में बेगूसराय का नाम न होना इसके साथ भेदभाव दर्शाता है. वहीं, तैराकी के कोच मधुसूदन पंडित बताते हैं कि सरकार को खिलाड़ियों की प्रतिभाओं की कद्र नहीं है. जिस वजह से संसाधन के अभाव में तैराकी को लोग अपना कैरियर नहीं बना पा रहे हैं. जबकि अगर तैराकी में बेगूसराय को सरकारी सहयोग मिल जाए तो कई उपलब्धियां हासिल हो जाएंगी.
तैराकी के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम पायल पंडित
बता दें कि तैराकी के क्षेत्र में बेगूसराय का बिहार के साथ-साथ देश में भी बड़ा नाम है. खासतौर पर बेगूसराय जिले का वीरपुर गांव ऐसा गांव है. जहां के दर्जनों तैराको ने राज्य और देश स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. जिसमें एक बड़ा नाम महिला तैराक पायल पंडित का है. जिन्होंने कम उम्र में ही राज्य स्तर और नेशनल स्तर तक खेलने का गौरव हासिल किया. पायल पंडित की उपलब्धियों को देखते हुए यूनिसेफ ने उन्हे अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया था. वहीं, बीते लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन ने स्वीप कोसांग के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर पायल पंडित का चयन किया भी था.