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बेगूसराय: बाढ़ का पानी निकलते ही इलाके में फैल रही महामारी, बेबस हुए लोग

बेगूसराय जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग बीते 20 दिनों से गंगा के रौद्र रूप का सामना करने के बाद वापस घर लौटे हैं. लेकिन, लोगों को यहां गंदगी से राहत नहीं मिल रही है. इसके अलावा लोगों को महामारी का खतरा सताने लगा है.

बाढ़
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Published : Oct 13, 2019, 5:28 PM IST

बेगूसराय: बिहार में आई बाढ़ ने लोगों की मुसीबतें काफी बढ़ा दी है. पानी का जलस्तर कम होने के बाद बाढ़ पीड़ित अपने घर लौट चुके हैं. लेकिन, एक परेशानी टली नहीं कि दूसरी सामने आ गई. ग्रामीण गांव लौट तो आए. लेकिन, उन्हें यहां पानी की दुर्गंध और उससे फैलने वाली बीमारी का डर सता रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां न तो प्रशासनिक स्तर पर मेडिकल टीम भेजी गई और न ही इन इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया.

begusarai
बाढ़ से तबाह हुआ घर

इलाके में पसरी गंदगी
बेगूसराय जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग बीते 20 दिनों से गंगा के रौद्र रूप का सामना करने के बाद वापस घर लौटे हैं. लेकिन, लोगों को यहां गंदगी से राहत नहीं मिल रही है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है. हर तरफ गंदगी पसरी हुई है और लोगों के घर में अभी भी पानी जमा है. वहीं, कई लोग अभी भी घर के बाहर रहने को मजबूर हैं.

begusarai
गांव में भरा बाढ़ का पानी

लोगों ने सुनाई व्यथा
इस संबंध में स्थानीय निवासी मीरा देवी ने बताया कि बाढ़ के कारण वह भी सरकारी शरण में थीं. उन्होंने कहा कि पानी निकलने के बाद जब वह घर लौटी तो गंदगी से परेशान हो गई. उन्होंने बताया कि पूरे इलाके में कीचड़ जम गया है. वहीं, घर में बच्चे बीमार हो रहे हैं. मीरा देवी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां किसी अधिकारी ने कोई सुध नहीं ली है. वहीं, बाढ़ से आई तबाही पर उन्होंने कहा कि पानी की वजह से उनका घर तक गिर गया. उन्होंने कहा कि वह इस बीच तीन दिनों तक भूखी भी रहीं.

'गंदगी से फैली महामारी'
वहीं, अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि पानी तो निकल रहा है. लेकिन, इससे गंदगी कम नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पानी जमा होने के कारण महामारी फैल रही है. गांव में भी कई लोग बीमार पड़ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन इन इलाकों पर ध्यान नहीं दे रही है.

पेश है रिपोर्ट

पूर्व मुखिया ने दिलाया भरोसा
ईटीवी भारत ने पूर्व मुखिया संजीव सिंह से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि पानी निकलने के साथ-साथ बीमारी भी बढ़ रही है. पूर्व मुखिया ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भी बात कर रहे हैं.

बाढ़ से तबाह कई घर
बता दें कि बाढ़ से सबसे ज्यादा बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड के सहीमा और रामदिरी गांव के लोग प्रभावित हुए हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग बेघर हो गए थे. इसके साथ ही कई किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई.

बेगूसराय: बिहार में आई बाढ़ ने लोगों की मुसीबतें काफी बढ़ा दी है. पानी का जलस्तर कम होने के बाद बाढ़ पीड़ित अपने घर लौट चुके हैं. लेकिन, एक परेशानी टली नहीं कि दूसरी सामने आ गई. ग्रामीण गांव लौट तो आए. लेकिन, उन्हें यहां पानी की दुर्गंध और उससे फैलने वाली बीमारी का डर सता रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां न तो प्रशासनिक स्तर पर मेडिकल टीम भेजी गई और न ही इन इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया.

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बाढ़ से तबाह हुआ घर

इलाके में पसरी गंदगी
बेगूसराय जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग बीते 20 दिनों से गंगा के रौद्र रूप का सामना करने के बाद वापस घर लौटे हैं. लेकिन, लोगों को यहां गंदगी से राहत नहीं मिल रही है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है. हर तरफ गंदगी पसरी हुई है और लोगों के घर में अभी भी पानी जमा है. वहीं, कई लोग अभी भी घर के बाहर रहने को मजबूर हैं.

begusarai
गांव में भरा बाढ़ का पानी

लोगों ने सुनाई व्यथा
इस संबंध में स्थानीय निवासी मीरा देवी ने बताया कि बाढ़ के कारण वह भी सरकारी शरण में थीं. उन्होंने कहा कि पानी निकलने के बाद जब वह घर लौटी तो गंदगी से परेशान हो गई. उन्होंने बताया कि पूरे इलाके में कीचड़ जम गया है. वहीं, घर में बच्चे बीमार हो रहे हैं. मीरा देवी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां किसी अधिकारी ने कोई सुध नहीं ली है. वहीं, बाढ़ से आई तबाही पर उन्होंने कहा कि पानी की वजह से उनका घर तक गिर गया. उन्होंने कहा कि वह इस बीच तीन दिनों तक भूखी भी रहीं.

'गंदगी से फैली महामारी'
वहीं, अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि पानी तो निकल रहा है. लेकिन, इससे गंदगी कम नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पानी जमा होने के कारण महामारी फैल रही है. गांव में भी कई लोग बीमार पड़ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन इन इलाकों पर ध्यान नहीं दे रही है.

पेश है रिपोर्ट

पूर्व मुखिया ने दिलाया भरोसा
ईटीवी भारत ने पूर्व मुखिया संजीव सिंह से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि पानी निकलने के साथ-साथ बीमारी भी बढ़ रही है. पूर्व मुखिया ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भी बात कर रहे हैं.

बाढ़ से तबाह कई घर
बता दें कि बाढ़ से सबसे ज्यादा बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड के सहीमा और रामदिरी गांव के लोग प्रभावित हुए हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग बेघर हो गए थे. इसके साथ ही कई किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई.

Intro:नोट-बड़े फ़ाइल के अलावे मीरा देवी की बाइट अलग से इसी आर्टिकल के साथ भेजी गई है उसे भी शामिल करें।

एंकर- जिले में गंगा की बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है बाढ़ की वजह से बेघर हुए लोग राहत शिविरों में सरण लिए हुए थे ।पानी का जलस्तर कम होते ही बाढ़ पीड़ित अपने गांव को लौट आए हैं, जहां सड़े हुए पानी की दुर्गंध और महामारी फैलने की आशंका से लोग भयभीत हैं। प्रशासनिक स्तर पर ना ही इन इलाकों में मेडिकल टीम भेजी गई ,ना ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया जिससे लोग सशंकित हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट


Body:vo- बेगूसराय जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग बीते 20 दिनों से गंगा के रौद्र रूप का सामना कर रहे थे ।बाढ़ की विभीषिका से जान बचाने के लिए दर्जनों पंचायत के लोग ऊंचे स्थानों पर या सरकार द्वारा लगाए गए बाढ़ राहत शिविर में अपना समय व्यतीत कर रहे थे। अब जबकि गंगा के जलस्तर में काफी गिरावट आई है और बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी बड़ी तेजी से निकल रहा है वैसे मैं कई गांव ऐसे हैं जहां पूरी तरह से बाढ़ का पानी अब निकल चुका है ।इन गांवों के लोग बारी बारी से बाढ़ राहत शिविर से अब अपने घर लौट आए हैं। बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले सीहमा और रामदिरी गांव के लोग बाढ़ की व्यापक तबाही के शिकार हुए हैं ।खास करके सीहमा गांव की बात करें तो सैकड़ों की संख्या में इस गांव में गरीब तबके के लोगों का घर ध्वस्त हो गया है ।साथ हीं फसलों को भी व्यापक क्षति हुई है बाढ़ का पानी निकलने के साथ ही बचे पानी और कीचड़ के दुर्गंध के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन इन इलाकों में जिला प्रशासन की स्वास्थ्य टीम अभी तक नहीं पहुंच पाई है, जिस वजह से बीमार पड़ रहे लोगों का ना इलाज हो पा रहा है और ना ही बाढ़ के बाद फैलने वाले महामारी को रोकने के उपाय प्रशासन के द्वारा किए गए हैं ।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि ना ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हुआ नहीं मेडिकल टीम भेजी गई ऐसे में हम लोग काफी चिंतित हैं।वही कई लोगो के घर बाढ़ में ध्वस्त हो गए हैं जिन्हें नए सिरे से अब अपने आशियाने भी बनाने होंगे।
बाइट-मीरा देवी,स्थानीय महिला
वन टू वन विथ नंदलाल सिंह,स्थानीय
" " गोपी महतो,स्थानीय
" " राजो सिंह,स्थानीय
संजीव सिंह,पूर्व मुखिया



Conclusion:fvo-बहरहाल जो भी हो इतना तय है कि जिस तरीके से प्रकृति के कोपभाजन के शिकार हुए बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगो का आशियाना उजड़ गया,फसलें तबाह हो गयी और अब महामारी फैलने के भय से वो ख़ौफ़ज़दा हैं ऐसे में तमाम बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग सरकार से मदद की आश लगाये बैठे हैं अब देखना ये होगा कि प्रशासनिक बाबुओं की कुम्भकर्णी निंद्रा किसी आपात स्थिति उतपन्न होने के पहले टूटती है या बाद में।
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