बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में पशु चिकित्सालय की लापरवाही (Negligence of Veterinary Hospital in Begusarai) से लगातार जानवरों की मौत हो रही है. इस मामले में एक नया मोड़ तब आ गया, जब इस पूरी व्यवस्था से नाराज एक पशु मालिक अपने मरे हुए कुत्ते के साथ न्याय मांगने बेगूसराय जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गया. दरअसल, युवक की शिकायत है कि पशु अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसके कुत्ते की मौत हो गई. इस संबंध में युवक ने डीएम को लिखित आवेदन भी सौंपा है. हालांकि, डीएम के अन्य कार्यों में व्यस्त रहने के कारण युवक की मुलाकात जिलाधिकारी से नहीं हो पाई.
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वहीं, इस संबंध में जिलाधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि पूरे मामले की जांच पशुपालन पदाधिकारी से कराई जाएगी. इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, डीएम ने बताया कि इसके पहले भी लगातार पशुओं के मरने की शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिसके बाद अधिकारियों के द्वारा जांच कराए जाने के बाद हालात में सुधार आया था. वहीं, इस मामले पशुपालन अधिकारी से मामले की जांच कराई जाएगी, ताकि पशु पालकों को किसी बात की परेशानी न हो. इसके साथ ही पशुपालन अधिकारी को व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का आदेश दिया जाएगा.
बता दें कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तिलक टोल मोहन एघु वार्ड नंबर 41 के रहने वाले कन्हैया कुमार का कुत्ता पिछले एक सप्ताह से बीमार था. जिसे लेकर पीड़ित काफी परेशान था. पीड़ित कन्हैया कुमार ने बताया कि वह पशु अस्पताल का पिछले एक सप्ताह से चक्कर लगा रहा था. युवक ने आरोप लगाया है कि दो दिन तो पशु अस्पताल में डॉक्टर से मुलाकात नहीं हुई. बाद में जब डॉक्टरों से मुलाकात हुई, तो उसका इलाज शुरू किया गया. पहले दिन मौजूद डॉक्टरों ने इलाज के बाद दूसरे दिन कुत्ते के साथ आने की बात कही. वहीं, जब पीड़ित दूसरे दिन अपने कुत्ते के साथ पशु अस्पताल पहुंचा तो मौजूद डॉक्टर ने बहाना बनाकर लौटा दिया.
इस बीच कुत्ते की हालत लगातार बिगड़ती गई और पीड़ित लगातार पशु अस्पताल का चक्कर लगाता रहा. अंत में डॉक्टरों की लापरवाही से कुत्ते की मौत (Dog Died Due to Negligence) गुरुवार को हो गई. अपने कुत्ते की मौत से आहत कन्हैया पासवान न्याय मांगने के लिए मरे हुए कुत्ते के साथ डीएम कार्यालय पहुंच गया. इस संबंध में आम लोगों की राय है कि बेगूसराय में नाम का ही पशु चिकित्सालय मौजूद है. यहां ना चिकित्सक समय पर आते हैं, ना ही उनकी कोई टाइमिंग है, ना ही यहां समुचित इलाज होता है. यहां मौजूद कर्मी और डॉक्टर सरकार के पैसे पर मौज करते हैं. फिलहाल, यह घटना लोगों के बीच कौतुहल का विषय बना हुआ है.
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बता दें कि सरकार पशुओं की सुरक्षा और बेहतर देखरेख और इलाज के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही है. बावजूद इसके बेगूसराय का पशु चिकित्सालय हाथी के दांत बना हुआ है, जिससे आम पशुपालकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. इस संबंध में डीएम ने भी अपने बयान में यह बताया है कि पशु चिकित्सालय से लगातार शिकायत मिलती रही है और उनके द्वारा इसकी जांच भी कराई गई थी. ऐसे में अब देखना है कि इस शिकायत पर डीएम किस तरह की कार्रवाई करते हैं.
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