बेगूसराय: मंझौल पंचायत के खैरा मुशहरी में अपराधियों ने एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी. फिर उसके बाद शव को गन्ने के खेत में छुपा दिया. घटना के अगली सुबह मृतक के भाई ने मंझौल ओपी को मामले की सूचना देकर केस दर्ज कराया. इस घटना के कई घंटे बाद शव मिलने से ग्रामीण आक्रोशित थे. वहीं घटना के बारे में कैमरा पर कुछ भी बोलने से मंझौल डीएसपी सत्येंद्र कुमार ने इंकार कर दिया.
घंटों बाद शव बरामद
घटना के बाद मंझौल ओपी पुलिस, बिहार राज्य आपदा संकट मोचन बल, और एसडीआरएफ की टीम शव को खोजबीन में जुट गई. इस दौरान कई घंटों की खोजबीन के बाद एसडीआरएफ और ग्रामीणों ने गन्ना के खेत से शव को खोज निकाला. शव मिलने की सूचना जैसे ही परिजनों एवं ग्रामीणों को मिली. लोगों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया. आक्रोशित ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में मंझौल ओपी पर पहुंच कर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस दौरान लोगों को समझाने आई चेरिया बरियारपुर थाना की पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. जिसमें चेरियाबरियारपुर थानाध्यक्ष पल्लव, गृह रक्षक अजय कुमार और उनके साथ कुछ सिपाही घायल हो गए.
अतिरिक्त पुलिस बल आने पर आक्रोशित लोग भागे
पुलिस पर हमले की सूचना पर एसडीएम मुकेश कुमार एवं एसडीपीओ सत्येन्द्र कुमार सिंह ओपी पर पहुंचे और अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाकर मोर्चा संभाला. वहीं सर्किल इंस्पेक्टर दीपक कुमार, ओपी अध्यक्ष सुबोध कुमार, चेरियाबरियारपुर थानाध्यक्ष पल्लव सहित अन्य थाने की पुलिस को सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने आक्रोशित लोगों को शांत किया. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया.
पुलिस हिरासत में 6 लोग
घटना की तफ्तीश करने के लिए मंझौल ओपी पुलिस 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं मृतक के भाई अरुण पासवान के बयान पर 8 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी में मंझौल पंचायत एक खैरा मुसहरी निवासी मिथिलेश सदा, सुबोध सदा, हरेराम सदा, सहित 3 महिला समेत 8 मामले दर्ज की गई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपित हरेराम सदा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.