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गरीबों और देहाड़ी मजदूर के परिवारों को राहत और रोजगार दे जिला प्रशासन- भाकपा माले

नीतीश कुमार को जनविरोधी सरकार की संज्ञा देते हुए माले नेता ने कहा कि पिछले 10 दिनों से डीलर हड़ताल पर हैं. इनकी सभी मांगें जायज हैं फिर भी सरकार निश्चिंत है.

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Published : May 13, 2021, 9:21 PM IST

बेगूसराय: भाकपा माले नगर कमिटी की ओर से कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन किया गया. नेताओं ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पार्टी कार्यालय में हस्तलिखित पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया. जिसमें बारिश में शहर में जलजमाव, शहरी गरीबों और रोज कमाने-खाने वाले परिवारों को राहत-रोजगार की गारंटी, डीलरों की मांग पूरी कर हड़ताल समाप्त करने और मास्क-सेनेटाइजर का मुफ्त वितरण करने जैसे कई मुद्दों को लेकर आक्रोशपूर्ण विरोध दर्ज किया.

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव ने नगर निगम की निष्क्रियता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान मेयर का कार्यकाल में पूरा शहर अस्त व्यस्त रहा. कहीं कोई काम नहीं हो रहा है. सेनेटाइजेशन का काम हो या साफ-सफाई सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है. मजदूरों के अभाव में शहर गंदगी के ढेर पर खड़ा है.

इसे भी पढ़ें: बेगूसराय: लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई, बरसाई लाठियां

जनविरोधी है नीतीश सरकार- माले
उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि शहरी गरीबों व रोज कमाने खाने वाले परिवार भुखमरी के शिकार हो चुके हैं. ऐसे परिवार को चिन्हित कर जिला प्रशासन राहत और रोजगार दे. उन्होंने नीतीश कुमार को जनविरोधी सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों से डीलर हड़ताल पर हैं. इनकी सभी मांगें जायज हैं फिर भी सरकार निश्चिंत है.

उपभोक्ताओं को फ्री अनाज की मांग
एक तरफ लॉकडाउन है तो दूसरी ओर जमाखोरों व कालाबाजारियों के कारण महंगाई चरम पर है. राशन कार्डधारियों को सस्ते दर पर मिलने वाला राशन भी डीलरों के हड़ताल के कारण बन्द है. माले नगर कमिटी शासन-प्रशासन से अविलंब डीलरों के साथ न्याय की मांग करती है. साथ ही उपभोक्ताओं को बिल्कुल फ्री अनाज देने की मांग करती है. सरकारी खजाने को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने के बजाय आपदा पीड़ित बिहारियों के लिए सरकार अविलंब खोले.

बेगूसराय: भाकपा माले नगर कमिटी की ओर से कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन किया गया. नेताओं ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पार्टी कार्यालय में हस्तलिखित पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया. जिसमें बारिश में शहर में जलजमाव, शहरी गरीबों और रोज कमाने-खाने वाले परिवारों को राहत-रोजगार की गारंटी, डीलरों की मांग पूरी कर हड़ताल समाप्त करने और मास्क-सेनेटाइजर का मुफ्त वितरण करने जैसे कई मुद्दों को लेकर आक्रोशपूर्ण विरोध दर्ज किया.

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव ने नगर निगम की निष्क्रियता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान मेयर का कार्यकाल में पूरा शहर अस्त व्यस्त रहा. कहीं कोई काम नहीं हो रहा है. सेनेटाइजेशन का काम हो या साफ-सफाई सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है. मजदूरों के अभाव में शहर गंदगी के ढेर पर खड़ा है.

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जनविरोधी है नीतीश सरकार- माले
उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि शहरी गरीबों व रोज कमाने खाने वाले परिवार भुखमरी के शिकार हो चुके हैं. ऐसे परिवार को चिन्हित कर जिला प्रशासन राहत और रोजगार दे. उन्होंने नीतीश कुमार को जनविरोधी सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों से डीलर हड़ताल पर हैं. इनकी सभी मांगें जायज हैं फिर भी सरकार निश्चिंत है.

उपभोक्ताओं को फ्री अनाज की मांग
एक तरफ लॉकडाउन है तो दूसरी ओर जमाखोरों व कालाबाजारियों के कारण महंगाई चरम पर है. राशन कार्डधारियों को सस्ते दर पर मिलने वाला राशन भी डीलरों के हड़ताल के कारण बन्द है. माले नगर कमिटी शासन-प्रशासन से अविलंब डीलरों के साथ न्याय की मांग करती है. साथ ही उपभोक्ताओं को बिल्कुल फ्री अनाज देने की मांग करती है. सरकारी खजाने को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने के बजाय आपदा पीड़ित बिहारियों के लिए सरकार अविलंब खोले.

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