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बेगूसराय: निबंधन कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा, कमीशन लेकर की जाती है जमीन की रजिस्ट्री

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Published : Sep 28, 2019, 11:37 AM IST

बलिया जमीन निबंधन कार्यालय में अधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार की सीमा को लांघ चुके हैं. जमीन का निबंधन बगैर अवैध वसूली के नहीं किया जाता है.

भ्रष्टाचार

बेगूसराय: जमाबंदी की जांच किए बिना फर्जी जमाबंदी पर ही रजिस्ट्री का खुलासा हुआ है. मामला जिले की बलिया निबंधन कार्यालय का है. बताया गया है कि निबंधन कार्यालय के अधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार की सीमा को लांघ चुके है. जमीन का निबंधन बगैर अवैध वसूली के नहीं की जाती है. यहां तक कि किसी भी मोजे के खेसरा पंजी में छेड़छाड़ कर चौर और बहियार की जमीन को भी बास और भीठ की जमीन बता दी जाती है.

कमीशन लेकर जमीन की रजिस्ट्री
सरकारी रोक के बावजूद निबंधन पदाधिकारी द्वारा फर्जी जमाबंदी पर भी अवैध राशि लेकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी जाती है. जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, बताया जाता है कि इस कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी अपनी मन-मर्जी के मालिक हैं. जब चाहे आते हैं और जब चाहे नहीं आते हैं. सरकार के राजस्व का एक मुख्य साधन निबंधन कार्यालय सरकारी नियमों से नहीं बल्कि यहां की एक महिला अधिकारी के खास नियमों से चलता है.

जमीन निबंधन कार्यालय में भ्रष्टाचार

अधिकारी से कई बार शिकायत कर चुके हैं लोग
बताया जाता है कि इस कार्यालय की एक महिला अधिकारी शाम के 3 बजे अपने कार्यालय आती है और अपनी मर्जी से काम निपटाए बिना भी चली जाती है. इस अधिकारी को यह फर्क नहीं पड़ता है कि दूरदराज के क्षेत्रों से महिलाएं अपने बच्चों को लेकर आती हैं और अपनी बारी की प्रतीक्षा करती रहती हैं. इस कार्यालय को लेकर लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि इस बारे में वो कई बार अधिकारी से भी शिकायत कर चुके हैं. लेकिन लोगों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बेगूसराय: जमाबंदी की जांच किए बिना फर्जी जमाबंदी पर ही रजिस्ट्री का खुलासा हुआ है. मामला जिले की बलिया निबंधन कार्यालय का है. बताया गया है कि निबंधन कार्यालय के अधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार की सीमा को लांघ चुके है. जमीन का निबंधन बगैर अवैध वसूली के नहीं की जाती है. यहां तक कि किसी भी मोजे के खेसरा पंजी में छेड़छाड़ कर चौर और बहियार की जमीन को भी बास और भीठ की जमीन बता दी जाती है.

कमीशन लेकर जमीन की रजिस्ट्री
सरकारी रोक के बावजूद निबंधन पदाधिकारी द्वारा फर्जी जमाबंदी पर भी अवैध राशि लेकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी जाती है. जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, बताया जाता है कि इस कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी अपनी मन-मर्जी के मालिक हैं. जब चाहे आते हैं और जब चाहे नहीं आते हैं. सरकार के राजस्व का एक मुख्य साधन निबंधन कार्यालय सरकारी नियमों से नहीं बल्कि यहां की एक महिला अधिकारी के खास नियमों से चलता है.

जमीन निबंधन कार्यालय में भ्रष्टाचार

अधिकारी से कई बार शिकायत कर चुके हैं लोग
बताया जाता है कि इस कार्यालय की एक महिला अधिकारी शाम के 3 बजे अपने कार्यालय आती है और अपनी मर्जी से काम निपटाए बिना भी चली जाती है. इस अधिकारी को यह फर्क नहीं पड़ता है कि दूरदराज के क्षेत्रों से महिलाएं अपने बच्चों को लेकर आती हैं और अपनी बारी की प्रतीक्षा करती रहती हैं. इस कार्यालय को लेकर लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि इस बारे में वो कई बार अधिकारी से भी शिकायत कर चुके हैं. लेकिन लोगों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Intro:अक्सर सरकारी दफ्तर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुले हुए नजर आएंगे । पर बेगुसराय में एक ऐसा सरकारी कार्यालय हैं जो अपनी मर्जी से खुलता और बंद होता है । इस कार्यालय की दूसरी खासियत क्या है यहां बिना नजराने के आपका कोई भी काम नहीं होगा । शाम से 3 बजे से लेकर 4 बजे तक ये कार्यालय खुलता है तो रात के कितने बजे आपका काम होगा भी या नही इसकी गारंटी नही है । कुल।मिलाकर ये कार्यालय बिहार का अनोखा कार्यालय है जहां सरकार का नियम ताख पर रखकर एक अधिकारी की मर्जी चलती है । हम बात कर रहे है बेगुसराय के बलिया अनुमंडल स्थित एक निवन्धन कार्यालय की जहा लोग अपनी किस्मत लेकर आते है , अगर आपकी किस्मत अच्छी है रही तो आप पर बाबुओं की रहमत होगी वरना खाली हाथ जाना पड़ेगा । लोगो की यकीन करें तो यहां चढ़ावे में मोटी रकम ली जाती है तब जाकर कही जमीन की रजिस्ट्री का काम होता है । जमीन कि खरीद बिक्री करने वाले लोग सुबह 10 बजे आते है पर कितने बजे जाएंगे उनको।पता नही है । यहाँ महिला हो या पुरुष सब के साथ एक ही व्यवहार होता है ।
Body:भियो - बलिया अनुमंडल स्थित तुम निबंधन कार्यालय अपने काम की वजह से नहीं बल्कि काम की लेटलतीफी के लिए सुर्खियों में रहता है । इस कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी अपनी मनमर्जी के मालिक हैं जब चाहे आते हैं और जब चाहे नहीं आते हैं । सरकार के राजस्व का एक मुख्य साधन निबंधन कार्यालय सरकारी नियमों से नहीं बल्कि यहां की एक महिला अधिकारी के इन नियमों से चलता है । लोगों का आरोप है कि यह महिला तारी शाम के 3:00 या 4:00 बजे अपने कार्यालय आती हैं और अपनी मर्जी से काम निपटाए बिना भी चली आती है । इस अधिकारी को यह फर्क नहीं पड़ता है कि दूरदराज के क्षेत्रों से महिला अपने बच्चों को लेकर आती है और अपनी बारी की प्रतीक्षा करती रहती है । जब इस शिकायत की सत्यता की जांच की गई तो लोगो का आरोप बिल्कुल सच निकला ।
इस कार्यालय को लेकर लोग हताश है निराश हैं और परेशान भी ।
बाइट- महिला
बाइट - योगेन्द्र सिंह - तेतरी गावँ
बाइट - नीतीश कुमार
बाइट - सुरेश यादव Conclusion:
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