बेगूसराय: मध्यप्रदेश में बीएसएफ में तैनात बेगूसराय के रहने वाले सुबोध कुमार की मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई. बुधवार को हुई इस घटना के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत शुक्रवार को एक अस्पताल में हुई. जिसके बाद शहीद सुबोध कुमार (Martyr Jawan Subodh Kumar) का शव शनिवार को उनके पैतृक गांव बछवारा प्रखंड के नारेपुर लाया गया. अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए हजारों-हजार की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान हजारों लोग भारत माता की जय और सुबोध कुमार अमर रहे के नारे लगाते रहे. वहीं इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता बुद्धिजीवी और नेता भी मौजूद रहे.
तीन बच्चों के सिर से उजड़ा पिता का साया: शव के गांव पहुंचते ही लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी. वीर जवान सुबोध कुमार अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं. सुबोध कुमार की शहादत के बाद मौजूद लोगों ने उनके जज्बे को सलाम किया. बता दें कि बछवारा थाना क्षेत्र के नारेपुर निवासी सुबोध कुमार ने वर्ष 2001 में जयपुर के ट्रेनिंग कैंप से बीएसएफ में अपनी सेवा प्रदान की थी. इस दौरान सुबोध कुमार विभिन्न जगहों पर तैनात रहे. घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम जवान अपने दो अन्य साथियों के साथ रात का खाना खाकर लौट रहे थे, उसी क्रम में सड़क पार करने के दौरान पीछे से ट्रक ने उन्हें ठोकर मार दी, डॉक्टरों ने उनका इलाज किया लेकिन सुबोध कुमार नहीं बच पाएं.
मध्यप्रदेश में इलाज के दौरान मौत: सुबोध कुमार की मौत शुक्रवार को मध्यप्रदेश में इलाज के दौरान हो गई. उनकी मौत के बाद परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल था वहीं सैकड़ो लोगों की आँखे भी नम थी. इस मौके पर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह पूर्व एमएलसी रामबदन राय, बछवाड़ा के विधायक सुरेंद्र मेहता और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उनके जज्बे को सलाम किया. बाद में बछवारा प्रखंड के झमटिया गंगा घाट पर शहीद के बड़े पुत्र अमन कुमार ने मुखाग्नि दी और सुबोध कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए.
"सुबोध जी के जज्बे को सलाम करते हैं, आज हमारे बीच वो नहीं रहे. वह अंतिम समय तक वह देश के लिए डंटे रहे. जब हम देश वासी सोते थे तो वो हमारे लिए जागते थे. पूरे भारत वासी को उनकी शहादत पर गर्व है, हम उनकी शहादत को सलाम करते हैं. इतिहास उनको हमेशा याद रखेगा."-सुरेंद्र मेहता, विधायक, बछवारा