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बेगूसराय: कोरोना के भय से नहीं आ रहे खरीदार, बदहाली में दुकानदार - कोरोना संक्रमण

बिहार के औद्योगिक जिले के रूप में शुमार बेगूसराय के लोग सामान्यतया आर्थिक रूप से संपन्न समझे जाते हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण काल में बेगूसराय के बाजारों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. एक तो लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है.

बेगूसराय
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Published : Jun 12, 2020, 4:58 PM IST

बेगूसराय: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का जबरदस्त शिकार बेगूसराय जिला भी हुआ है. शुरुआती दौर में संक्रमण ने यहां एंट्री मारने के साथ ही लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से स्थानीय बाजार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. साथ ही अनलॉक-1 लागू के बावजूद भी कोरोना के डर से खरीदार बाजार नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय दुकानदार काफी परेशान और हताश हैं. हालात ये है कि अब उनके रोजी-रोटी पर भी बन आई है.

बेगूसराय
खाली बैठे दुकानदार

बिहार के औद्योगिक जिले के रूप में शुमार बेगूसराय के लोग सामान्यतया आर्थिक रूप से संपन्न समझे जाते हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण काल में बेगूसराय के बाजारों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. एक तो लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है. वहीं, लंबे समय से कोरोना वायरस संक्रमण झेल रहे जिले के लोग काफी दहशत में भी हैं. जिस वजह से अनलॉक लागू होने के बावजूद भी लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. लोगों के घरों से नहीं निकलने का सीधा असर बेगूसराय के छोटे-बड़े दुकानदारों पर आर्थिक रूप से पड़ा है.

बेगूसराय
स्थानीय दुकानदार प्रमोद कुमार

विकास के सारे काम ठप्प
स्थानीय दुकानदारों के अनुसार लग्न समय में बेगूसराय बाजार में खरीदारी के लिए पड़ोसी जिले से भी लोग आते थे. और बाजार में पांव रखने तक की जगह नहीं होती थी. लेकिन कोरोना वायरस के दहशत और आर्थिक अभाव के कारण दुकानदारी चौपट हो गई है. हालात ये है कि दुकानदारों के सामने मकान किराया, बिजली बिल और स्टाफ खर्च के भी लाले पड़ गए हैं. ज्यादातर दुकानदारों ने बताया कि इस तरह के हालात उन्होंने कभी नहीं देखे हैं. घर के जरूरी काम, राशन, बच्चों की पढ़ाई और विकास के सारे काम ठप्प हो गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दैनिक खर्च के लिए दूसरों पर मोहताज दुकानदार
दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक- 1 लागू होने पर हमें काफी खुशी हुई. लगा कि एक बार फिर जिंदगी पटरी पर धीरे-धीरे ही सही आ ही जाएगी. लेकिन जिस तरह से बाजार में ग्राहकों का अभाव और लोगों में कोरोना संक्रमण का दहशत हैं. ऐसे में आर्थिक नुकसान की भरपाई की बात सोचना तो दूर दैनिक खर्च के लिए भी अब हम दूसरों के मोहताज हो गए हैं.

बेगूसराय
बेगूसराय मार्केट

'कोरोना का डर नहीं हुआ खत्म'
वहीं, छोटे दुकानदार मो. हैदर ने ईटीवी भारत से अपने दुखे साझा करते हुए बताया कि दुकानदार हों या आम ग्राहक सभी लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से डरे हुए हैं. लोगों का डर इसलिए भी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि अभी भी नए इलाकों में संक्रमण फैलने का दौर लगातार जारी है. ऐसे में सभी पहले अपनी जान की सुरक्षा के बारे में सोचते हैं. हैदर ने आशंका वयक्त करते हुए कहा कि शायद यही वजह है कि ग्राहक बाजार नहीं आ रहे हैं.

बेगूसराय: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का जबरदस्त शिकार बेगूसराय जिला भी हुआ है. शुरुआती दौर में संक्रमण ने यहां एंट्री मारने के साथ ही लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से स्थानीय बाजार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. साथ ही अनलॉक-1 लागू के बावजूद भी कोरोना के डर से खरीदार बाजार नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय दुकानदार काफी परेशान और हताश हैं. हालात ये है कि अब उनके रोजी-रोटी पर भी बन आई है.

बेगूसराय
खाली बैठे दुकानदार

बिहार के औद्योगिक जिले के रूप में शुमार बेगूसराय के लोग सामान्यतया आर्थिक रूप से संपन्न समझे जाते हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण काल में बेगूसराय के बाजारों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. एक तो लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है. वहीं, लंबे समय से कोरोना वायरस संक्रमण झेल रहे जिले के लोग काफी दहशत में भी हैं. जिस वजह से अनलॉक लागू होने के बावजूद भी लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. लोगों के घरों से नहीं निकलने का सीधा असर बेगूसराय के छोटे-बड़े दुकानदारों पर आर्थिक रूप से पड़ा है.

बेगूसराय
स्थानीय दुकानदार प्रमोद कुमार

विकास के सारे काम ठप्प
स्थानीय दुकानदारों के अनुसार लग्न समय में बेगूसराय बाजार में खरीदारी के लिए पड़ोसी जिले से भी लोग आते थे. और बाजार में पांव रखने तक की जगह नहीं होती थी. लेकिन कोरोना वायरस के दहशत और आर्थिक अभाव के कारण दुकानदारी चौपट हो गई है. हालात ये है कि दुकानदारों के सामने मकान किराया, बिजली बिल और स्टाफ खर्च के भी लाले पड़ गए हैं. ज्यादातर दुकानदारों ने बताया कि इस तरह के हालात उन्होंने कभी नहीं देखे हैं. घर के जरूरी काम, राशन, बच्चों की पढ़ाई और विकास के सारे काम ठप्प हो गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दैनिक खर्च के लिए दूसरों पर मोहताज दुकानदार
दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक- 1 लागू होने पर हमें काफी खुशी हुई. लगा कि एक बार फिर जिंदगी पटरी पर धीरे-धीरे ही सही आ ही जाएगी. लेकिन जिस तरह से बाजार में ग्राहकों का अभाव और लोगों में कोरोना संक्रमण का दहशत हैं. ऐसे में आर्थिक नुकसान की भरपाई की बात सोचना तो दूर दैनिक खर्च के लिए भी अब हम दूसरों के मोहताज हो गए हैं.

बेगूसराय
बेगूसराय मार्केट

'कोरोना का डर नहीं हुआ खत्म'
वहीं, छोटे दुकानदार मो. हैदर ने ईटीवी भारत से अपने दुखे साझा करते हुए बताया कि दुकानदार हों या आम ग्राहक सभी लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से डरे हुए हैं. लोगों का डर इसलिए भी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि अभी भी नए इलाकों में संक्रमण फैलने का दौर लगातार जारी है. ऐसे में सभी पहले अपनी जान की सुरक्षा के बारे में सोचते हैं. हैदर ने आशंका वयक्त करते हुए कहा कि शायद यही वजह है कि ग्राहक बाजार नहीं आ रहे हैं.

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