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बेगूसराय में डॉक्टर से 20 करोड़ रंगदारी की मांग, किसी को फंसाने की साजिश तो नहीं! रविवार को होगा खुलासा - बेगूसराय डॉक्टर से रंगदारी मामले में चार गिरफ्तार

बेगूसराय में 21 दिसंबर को नगर थाना में एक आवेदन मिला था. डॉक्टर रुपेश कुमार से चिट्ठी भेज कर 20 करोड़ की रंगदरी की मांग की गई थी. मामले में FIR दर्ज करते हुए सदर डीएसपी और बलिया डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम के द्वारा पूछ ताछ के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया गया. पढ़ें, विस्तार से पूछताछ में क्या सामने आया है.

बेगूसराय
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 23, 2023, 9:42 PM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक डॉक्टर से 20 करोड़ रंगदारी मांगे जाने का मामला उलझता जा रहा है. पुलिस का दावा है कि पत्र में जिस ठाकुर गिरोह का जिक्र किया गया है, वैसा कोई गिरोह नहीं है. इस संबंध में बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक की जांच में पूरा मामला संदेहास्पद लग रहा है. मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें पत्र लिखने वाला भी है. स्पेशल टीम इन सभी से पूछताछ कर रही है. एसपी ने कहा कि रविवार तक पूरे मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा.

बच्चे की मौत से था दुखी: एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ में डॉक्टर द्वारा पिछले संडे को लैंड लाइन पर आये फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला भी शामिल है. लेकिन पूछताछ में जो बाते सामने आयी है, उसके हिसाब से एक व्यक्ति के बच्चे का डॉक्टर द्वारा तीन-चार दिनों के इलाज किया गया था. बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत से दुखी और गुस्से में आकर उस व्यक्ति द्वारा फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. लेकिन किसी तरह की रंगदारी नहीं मांगी गई थी. उस व्यक्ति के द्वारा बाद में डॉक्टर से माफी भी मांग ली गई.

एक दूसरे को फंसाने की साजिशः योगेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर से पत्र के माध्यम से 20 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले मे जिसके नाम से चिट्ठी लिखी गई थी पुलिस ने उसको भी हिरासत में लिया है. जिसके बाद उस लड़के और उस चिट्ठी की हैंडराइटिंग को मैच करायी गया तो वह हैंडराइटिंग अलग-अलग थी. हिरासत में लिए गए लड़के के फोन को भी चेक किया गया. उसके फोन से डॉक्टर को कोई भी कॉल नहीं किया गया. ना ही वो डॉक्टर को जानता था. पत्र में लड़के के पूरे परिवार का नाम लिखा था. जांच में यह बात सामने आई है कि गांव में उस परिवार का दूसरे परिवार से झगड़ा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फंसाने की नीयत से इस प्रकार की चिट्ठी लिखी गई है.

तीसरा फायदा उठा रहाः एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि जिस लड़का के नाम से यह पत्र लिखा गया है, वह साढ़े 17 साल का है. पटना में कोचिंग करता है. ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है. एसपी ने बताया कि ठाकुर गैंग का कोई भी गिरोह सक्रिय नहीं है, जिसका नाम पत्र में डाला गया है. गांव में इस नाम का दूसरा लड़का है, जो आपस में लड़ते झगड़ते रहे हैं. एक दूसरे पर मुकदमा करते रहे हैं. पूरा मामला संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है. पूरे मामले में यह भी प्रतीत हो रहा है कि डॉक्टर और मरीज के बीच के झगड़े में कोई तीसरा आदमी इसका फायदा उठा रहा है. साजिश की बू आ रही है.

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक डॉक्टर से 20 करोड़ रंगदारी मांगे जाने का मामला उलझता जा रहा है. पुलिस का दावा है कि पत्र में जिस ठाकुर गिरोह का जिक्र किया गया है, वैसा कोई गिरोह नहीं है. इस संबंध में बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक की जांच में पूरा मामला संदेहास्पद लग रहा है. मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें पत्र लिखने वाला भी है. स्पेशल टीम इन सभी से पूछताछ कर रही है. एसपी ने कहा कि रविवार तक पूरे मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा.

बच्चे की मौत से था दुखी: एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ में डॉक्टर द्वारा पिछले संडे को लैंड लाइन पर आये फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला भी शामिल है. लेकिन पूछताछ में जो बाते सामने आयी है, उसके हिसाब से एक व्यक्ति के बच्चे का डॉक्टर द्वारा तीन-चार दिनों के इलाज किया गया था. बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत से दुखी और गुस्से में आकर उस व्यक्ति द्वारा फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. लेकिन किसी तरह की रंगदारी नहीं मांगी गई थी. उस व्यक्ति के द्वारा बाद में डॉक्टर से माफी भी मांग ली गई.

एक दूसरे को फंसाने की साजिशः योगेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर से पत्र के माध्यम से 20 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले मे जिसके नाम से चिट्ठी लिखी गई थी पुलिस ने उसको भी हिरासत में लिया है. जिसके बाद उस लड़के और उस चिट्ठी की हैंडराइटिंग को मैच करायी गया तो वह हैंडराइटिंग अलग-अलग थी. हिरासत में लिए गए लड़के के फोन को भी चेक किया गया. उसके फोन से डॉक्टर को कोई भी कॉल नहीं किया गया. ना ही वो डॉक्टर को जानता था. पत्र में लड़के के पूरे परिवार का नाम लिखा था. जांच में यह बात सामने आई है कि गांव में उस परिवार का दूसरे परिवार से झगड़ा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फंसाने की नीयत से इस प्रकार की चिट्ठी लिखी गई है.

तीसरा फायदा उठा रहाः एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि जिस लड़का के नाम से यह पत्र लिखा गया है, वह साढ़े 17 साल का है. पटना में कोचिंग करता है. ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है. एसपी ने बताया कि ठाकुर गैंग का कोई भी गिरोह सक्रिय नहीं है, जिसका नाम पत्र में डाला गया है. गांव में इस नाम का दूसरा लड़का है, जो आपस में लड़ते झगड़ते रहे हैं. एक दूसरे पर मुकदमा करते रहे हैं. पूरा मामला संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है. पूरे मामले में यह भी प्रतीत हो रहा है कि डॉक्टर और मरीज के बीच के झगड़े में कोई तीसरा आदमी इसका फायदा उठा रहा है. साजिश की बू आ रही है.

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