बेगूसराय: बिहार के यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की बहाली एजेंसी द्वारा लेने पर AISF के कार्यकर्ताओं द्वारा जीडी कॉलेज में विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान एआईएसएफ के सदस्यों ने इस फैसला को उच्च शिक्षा को गर्त में भेजने की साजिश बताया है.
व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद करने की साजिश: इस संबंध में एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि शिक्षा को गर्त में भेजने की साजिश के तहत सरकार द्वारा पहले ही परमानेंट के बजाय गेस्ट फैकल्टी की यूनिवर्सिटी में बहाली हो रही थी. ऐसे में अब व्यव्स्था को पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए सरकार द्वारा अब एजेंसी के माध्यम से प्रोफेसर, प्राध्यापकों की बहाली का फैसला लिया गया है. यह बेहद निंदनीय फैसला है. इस फैसले के जरिए शिक्षा को पूरी तरह से बर्बाद करने की साजिश की जा रही है.
यह सब नई शिक्षा नीति 2020 का नतीजा: बताते चले कि ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन बेगूसराय के जिला परिषद द्वारा जीडी कॉलेज गेट पर प्रदर्शन कर रहे सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार प्रोफेसरों की बहाली एजेंसी द्वारा कराने की तैयारी कर रहा है. यह सब नई शिक्षा नीति 2020 का नतीजा है. वहीं, इसको लेकर राज्य संयुक्त सचिव सुधीर कुमार एवं राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में काफी अराजक माहौल है. यह लूट खसोट का अड्डा बन चुका है. वित्तीय अनियमितता चरम पर है.
"के.के पाठक का दिमागी संतुलन खो गया है. इसीलिए वह शिक्षकों को संगठन बनाने पर रोक लगाकर उनके लोकतांत्रिक अधिकार को छानने की बात कर रहे हैं. इस से हमारा संगठन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. जिले की महाविद्यालय की स्थिति जर्जर है. कैंपस शैक्षणिक अराजकता का प्रकोप झेल रही है." - अमरेश कुमार, जिला अध्यक्ष, AISF.
ये लोग रहे मौजूद: इस दौरान जिला उपाध्यक्ष नितेश कुमार मोनू, सहसचिव सत्यम भारद्वाज, उपाध्यक्ष बसंत कुमार, नगर मंत्री विपिन कुमार, अंकित सिंह माया, किशन कुमार, जैद, अविनाश कौशिक, मनीष कुमार, रोशन कुमार, राजीव स्वराज, विवेक कुमार, विपिन, बसंत, तौसीफ, शिवम, सुरेंद्र इत्यादि लोग मौजूद थे.
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