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बेगूसराय में AISA और माले कार्यकर्ताओं ने किया एकदिवसीय धरना प्रदर्शन

छात्र संगठन आइसा और भाकपा माले की ओर से गोरखपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान की रिहाई को लेकर एकदिवसीय धरना दिया गया. इस मौके पर संगठन के छात्रों और नेताओं ने बिना शर्त डॉक्टर की रिहाई करने की मांग की. साथ ही सरकार की कड़ी आलोचना भी की.

AISA and CPIM held a one-day protest and demanding the release of Dr. Kafeel Khan in Begusarai
AISA and CPIM held a one-day protest and demanding the release of Dr. Kafeel Khan in Begusarai
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Published : Jul 19, 2020, 7:14 PM IST

बेगूसराय: जिले के बलिया स्थित भाकपा माले के अनुमंडल कार्यालय में छात्र संगठन आइसा की ओर से रविवार को एकदिवसीय धरना दिया गया. इस मौके पर गोरखपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग की गई. इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व छात्र नेता सलमान राईन ने किया.

धरना प्रदर्शन के दौरान आइसा के जिलाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि डॉ. कफील खान को तीसरी बार जेल में डाला गया है. 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सरकारी लापरवाही के कारण ऑक्सीजन के अभाव में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. डॉ. कफील इसके लिए सरकार की आलोचना की. इसी वजह से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डॉ. कफील खान के पीछे हाथ धोकर पड़ी है.

सरकार की गलत नीतियों और फैसलों का विरोध करने के कारण डॉ. कफील खान पर बार-बार रासुका लगा कर जेल में बंद किया जा रहा है. यह एकदम से नाजायज है. विरोध की आवाज दबाने का फासीवादी कदम है. इसीलिए आईसा सरकार के रवैये की आलोचना कर डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग कर रहा है.

बिना शर्तों के डॉक्टर को रिहा करने की मांग
इस मौके पर माले नेता और प्रखंड सचिव नूर आलम ने कहा जब चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में और पटना में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ था, तब डॉ. कफील खान ने कैंप लगाकर बच्चों, बूढ़ों और गरीबों का मुफ्त इलाज किया था. ऐसे जिंदादिल और गरीब लोगों के हमदर्द डॉक्टर को फर्जी मुकदमा के मामले में जेल में कैद किया जा रहा है. जो कि बिहार के छात्र और नौजवान बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम सरकार से डॉ. कफील खान को बिना शर्त रिहा करने की मांग करते हैं.

बेगूसराय: जिले के बलिया स्थित भाकपा माले के अनुमंडल कार्यालय में छात्र संगठन आइसा की ओर से रविवार को एकदिवसीय धरना दिया गया. इस मौके पर गोरखपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग की गई. इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व छात्र नेता सलमान राईन ने किया.

धरना प्रदर्शन के दौरान आइसा के जिलाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि डॉ. कफील खान को तीसरी बार जेल में डाला गया है. 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सरकारी लापरवाही के कारण ऑक्सीजन के अभाव में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. डॉ. कफील इसके लिए सरकार की आलोचना की. इसी वजह से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डॉ. कफील खान के पीछे हाथ धोकर पड़ी है.

सरकार की गलत नीतियों और फैसलों का विरोध करने के कारण डॉ. कफील खान पर बार-बार रासुका लगा कर जेल में बंद किया जा रहा है. यह एकदम से नाजायज है. विरोध की आवाज दबाने का फासीवादी कदम है. इसीलिए आईसा सरकार के रवैये की आलोचना कर डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग कर रहा है.

बिना शर्तों के डॉक्टर को रिहा करने की मांग
इस मौके पर माले नेता और प्रखंड सचिव नूर आलम ने कहा जब चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में और पटना में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ था, तब डॉ. कफील खान ने कैंप लगाकर बच्चों, बूढ़ों और गरीबों का मुफ्त इलाज किया था. ऐसे जिंदादिल और गरीब लोगों के हमदर्द डॉक्टर को फर्जी मुकदमा के मामले में जेल में कैद किया जा रहा है. जो कि बिहार के छात्र और नौजवान बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम सरकार से डॉ. कफील खान को बिना शर्त रिहा करने की मांग करते हैं.

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