बेगूसराय: जिले में राज्यव्यापी आह्वान पर भाकपा माले कार्यकार्याओं ने किसानों पर बर्बर दमन के खिलाफ शहर में प्रतिवाद मार्च निकाल प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने बड़ी पोखर स्थित कार्यालय कमलेश्वरी भवन से मार्च निकाल कर ट्रैफिक चौक पर प्रदर्शन किया.
किसान-मजदूरों के उपर अघोषित आपातकाल
सभा को संबोधित करते हुए माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के किसान-मजदूरों के उपर अघोषित आपातकाल लाद दिया गया है. दिल्ली पहुंच रहे आन्दोलनकारी किसानों के ऊपर बर्बर पुलिसिया दमन मोदी सरकार के तानाशाही और शर्मनाक चेहरा को उजागर करता है. तीन कृषि बिल 2020 की वापसी की लड़ाई के लिए किसान आरपार की लड़ाई के मूड में हैं.
किसानों की मौत को सरकार दे शहीद का दर्जा
इस दौरान दिवाकर कुमार ने कहा कि एक ओर किसानों के दुश्मन मोदी सरकार के काॅरपोरेट घराने हैं, तो दूसरी ओर किसान और उनके समर्थन में देश की जनता है. दमन के दौरान हुई किसानों की मौत के मामले मे सरकार शहीद का दर्जा दे. पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी दे. आन्दोलनकारी किसानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे और सम्मानजनक वार्ता कर किसान विरोधी तीनों कानून वापस ले. नहीं तो किसानों का शाहीनबाग के तर्ज पर आन्दोलन तेज होगा.
अन्नदाता अपने अधिकार की लड़ाई के लिए लड़ रहे
माले नेता चन्द्रदेव वर्मा ने कहा केन्द्र की मोदी सरकार देश के किसानों को पूंजीपति घरानों का गुलाम बनाने पर तुली हुई है. लेकिन देश के अन्नदाता अपने अधिकार की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं. पूरे देश की मेहनतकश जनता किसानों के आंदोलन के साथ खड़ी है. किसान नेता बैजू सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों पर अत्याचार करना बंद कर, उनका अधिकार वापस करे नहीं तो आंदोलन और तेज होगा.
किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे के साथ लाठीचार्ज
इस दौरान माले नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से केंद्र की मोदी सरकार के समक्ष तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध व्यक्त करने दिल्ली जा रहे किसानों को मोदी व भाजपा सरकार के अमानवीय व असम्मानजनक हमलों का सामना करना पड़ा है. मोदी सरकार की पुलिस ने उनके रास्ते में बहुत सारी बाधाएं डालीं, पानी की बौछार की, आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज भी किया गया .
कार्यक्रम को कई लोगों ने किया संबोधित
आइसा जिलाध्यक्ष अजय कुमार, सचिव अभिषेक आनंद इंकलाबी नौजवान सभा के मो.मोब्बसीर, फहीम सोनू फर्नाज, रौशन, रोमन, मुकेश सदा, सुरेश पासवान, मो.अकरम, रामानुज सिंह, मो.कमाल ने अपनी बातें रखीं. सभी वक्ताओं ने मोदी सरकार की फासीवादी-दमनकारी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन तेज करने की बात कही.