बेगूसराय: लॉकडाउन के बीच प्रवासियों की राज्य वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. इस क्रम में मंगलवार को बरौनी जंक्शन पर 2 श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची. इससे तकरीबन 2400 लोग अपने घर पहुंचे. पहली ट्रेन आगरा से बरौनी और दूसरी ट्रेन आंध्र प्रदेश से बरौनी जंक्शन पहुंची. ट्रेन पर बिहार के लगभग सभी जिले के मजदूर और छात्र सवार थे.
आगरा से बरौनी लौटे सभी 1200 मजदूरों और छात्रों का चेकअप और स्क्रीनिंग के बाद उन्हें सड़क मार्ग के जरिए सम्बंधित जिलों में भेज दिया गया. अपने-अपने गृह जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में उन्हें क्वॉरेंटीन किया जाएगा. वहीं, आंध्र प्रदेश से चलकर बरौनी जंक्शन पहुंची ट्रेन में भी 1200 लोग आए. प्लेटफार्म पर थर्मल स्कैनिंग के बाद उन्हें सड़क मार्ग और कैमूर-कटिहार स्पेशल ट्रेन के माध्यम से अपने-अपने जिले में भेजा गया. जहां दोबारा उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें क्वॉरेंटीन किया जाएगा.
बिहार लौटे लोगों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
एक तरफ जहां प्रदेश से आने वाले श्रमिकों ने बताया कि उन्हें घर वापसी के लिए किराया चुकाना पड़ा. तो वहीं, कुछ लोगों ने ये भी कहै कि उन्हें किसी प्रकार की राशि नहीं देनी पड़ी. लेकिन, बरौनी जंक्शन पहुंचते ही बिहार सरकार की पोल खुलती नजर आई. आधे से अधिक यात्रियों ने बताया कि बरौनी जंक्शन पर ना तो पानी की व्यवस्था थी और ना ही नाश्ते की व्यवस्था थी. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कुछ प्रबंध जरूर किए गए थे लेकिन यात्रियों की संख्या के सामने वह काफी कम नजर आए.
साइकिल से लौट रहे मजदूरों को ट्रेन में बिठाया
गौरतलब है कि आगरा प्रशासन ने कुछ ऐसे यात्रियों को भी ट्रेन में बैठाया जो पानीपत से साइकिल की सवारी कर अपने घर आ रहे थे. लेकिन, आगरा के पास स्थानीय प्रशासन ने उन्हें रोका और पकड़ कर ट्रेन में बैठा दिया. फिलहाल, सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से अपने-अपने जिले भेजा जाएगा.