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आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले मजदूर भी हैं कोरोना वॉरियर्स, लगातार कर रहे हैं काम

बांका में आम लोगों को खाने के अनाज की कमी न हो. इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले अधिकारी और कर्मी से लेकर मजदूर तक निर्धारित समय से दो से तीन गुना अधिक समय तक काम कर रहे हैं.

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Published : Apr 30, 2020, 2:16 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 8:42 PM IST

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बांकाः कोरोना वायरस के कारण उपजे हालात के बाद पूरा देश लॉकडाउन है. इस दौरान अधिकांश विभागों का काम ठप है, तो आपूर्ति विभाग का दायित्व इस कोरोना काल में बढ़ गया है. लॉकडाउन में सभी प्रकार के कार्य बंद हो जाने के कारण आम लोगों को भोजन के लिए अनाज की कमी ना हो. इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले कर्मी निर्धारित सीमा से दो से तीन गुना अधिक समय तक रोजाना काम कर रहे है. आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले पदाधिकारी, कर्मी और एसएफसी के गोदाम में काम करने वाले मजदूर भी अधिक कार्य करने से गुरेज नहीं कर रहे है.


देखें पूरी रिपोर्ट

मजदूरों ने सरकार से बीमा कराने का किया आग्रह
एसएफसी गोदाम बांका में काम करने वाले सत्तो यादव और पप्पू यादव सहित अन्य मजदूरों ने बताया कि जिस प्रकार सीमा पर तैनात सेना लगातार काम करती है. उसी प्रकार इस कोरोना महामारी के दौरान मजदूर भी काम कर रहे हैं. ताकि लोगों को अनाज की कमी ना हो और वह भूखे ना सोए. हालांकि इस महामारी के दौरान काम करना तो जोखिम भरा है ही. लेकिन काम नहीं करेंगे तो परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. मजदूरों ने सरकार से आग्रह किया कि जिस प्रकार केंद्र सरकार और राज्य सरकार विभिन्न स्तर पर मजदूरों को 15 लाख का बीमा कराया है. उसी तर्ज पर एसएफसी गोदाम में काम करने वाले मजदूरों का भी सरकार बीमा कराए.

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काम करते मजदूर

विभाग अपने दायित्वों का कर रहा है निर्वहन
एसएफसी के एजीएम रविकांत गौतम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जहां लोग अपने घरों में बैठे है. वहीं, आपूर्ति विभाग का काम सुचारु रुप से चल रहा है और अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. सभी कर्मी और मजदूर मनोयोग से काम कर रहे है. मजदूरों की सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. मजदूरों को रोजाना मास्क दिया जा रहा है. सैनिटाइजर के साथ-साथ हाथ धोने के लिए डिटॉल साबुन और लिक्विड की व्यवस्था की गई है. यहां तक कि मजदूर घर जाने के बाद भी अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखते हैं.

बांकाः कोरोना वायरस के कारण उपजे हालात के बाद पूरा देश लॉकडाउन है. इस दौरान अधिकांश विभागों का काम ठप है, तो आपूर्ति विभाग का दायित्व इस कोरोना काल में बढ़ गया है. लॉकडाउन में सभी प्रकार के कार्य बंद हो जाने के कारण आम लोगों को भोजन के लिए अनाज की कमी ना हो. इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले कर्मी निर्धारित सीमा से दो से तीन गुना अधिक समय तक रोजाना काम कर रहे है. आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले पदाधिकारी, कर्मी और एसएफसी के गोदाम में काम करने वाले मजदूर भी अधिक कार्य करने से गुरेज नहीं कर रहे है.


देखें पूरी रिपोर्ट

मजदूरों ने सरकार से बीमा कराने का किया आग्रह
एसएफसी गोदाम बांका में काम करने वाले सत्तो यादव और पप्पू यादव सहित अन्य मजदूरों ने बताया कि जिस प्रकार सीमा पर तैनात सेना लगातार काम करती है. उसी प्रकार इस कोरोना महामारी के दौरान मजदूर भी काम कर रहे हैं. ताकि लोगों को अनाज की कमी ना हो और वह भूखे ना सोए. हालांकि इस महामारी के दौरान काम करना तो जोखिम भरा है ही. लेकिन काम नहीं करेंगे तो परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. मजदूरों ने सरकार से आग्रह किया कि जिस प्रकार केंद्र सरकार और राज्य सरकार विभिन्न स्तर पर मजदूरों को 15 लाख का बीमा कराया है. उसी तर्ज पर एसएफसी गोदाम में काम करने वाले मजदूरों का भी सरकार बीमा कराए.

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काम करते मजदूर

विभाग अपने दायित्वों का कर रहा है निर्वहन
एसएफसी के एजीएम रविकांत गौतम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जहां लोग अपने घरों में बैठे है. वहीं, आपूर्ति विभाग का काम सुचारु रुप से चल रहा है और अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. सभी कर्मी और मजदूर मनोयोग से काम कर रहे है. मजदूरों की सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. मजदूरों को रोजाना मास्क दिया जा रहा है. सैनिटाइजर के साथ-साथ हाथ धोने के लिए डिटॉल साबुन और लिक्विड की व्यवस्था की गई है. यहां तक कि मजदूर घर जाने के बाद भी अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखते हैं.

Last Updated : Apr 30, 2020, 8:42 PM IST
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