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खगड़िया: भीख मांगकर परिवार चलाने को मजबूर था दिव्यांग, 'जीविका' ने बदली परिवार की तकदीर - भादास गांव में महिला ने खोला दुकान

मीना देवी के पति दिव्यांग होने की वजह से कोई काम नहीं कर पाते थे. भीख मांग कर किसी तरह वो जीवन यापन कर रहे थे. जिस दिन भीख नहीं मिलती थी, उस दिन बच्चे खाना नहीं खाते थे.

women started shop in khagaria
भीख मांग कर परिवार चलाने को मजबूर था दिव्यांग
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Published : Feb 13, 2020, 9:08 PM IST

खगड़िया: भादास गांव में भीख मांग कर जीवन यापन करने वाला परिवार अब सम्मानजनक जिंदगी जी रहा है. बता दें जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भदास दक्षिणी पंचायत में मीना देवी का जीवन काफी कष्ट में बीत रहा था. पति के दिव्यांग होने के कारण मीना और उसके बच्चे को सही तरीके से खाना भी नहीं मिल रहा था. जिसके बाद मीना देवी ने जीविका से लोन लेकर किराना दुकान शुरू किया और अपना परिवार चला रही है.

ऋण लेकर खोला दुकान
मीना देवी के पति दिव्यांग होने की वजह से कोई काम नहीं कर पाते थे. भीख मांग कर किसी तरह वो जीवन यापन कर रहे थे. जिस दिन भीख नहीं मिलती थी, उस दिन बच्चे खाना नहीं खाते थे और पूरे परिवार को भूखे सोना पड़ता था. ऐसी स्थिति में आसपास के लोग उन्हें खाना देते थे. इसी बीच मीना देवी जीविका से जुड़ीं. जीविका समूह में जुड़ने के बाद मीना देवी को जीविका ने दुकान खोलने के लिए ऋण दिया. उस दिन से मीना देवी दुकान चला रही हैं और दुकान से प्रतिदिन 700 से 1000 के सामान की बिक्री हो जाती है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: पटना: परीक्षा में धांधली को लेकर दारोगा अभ्यर्थियों का हंगामा, CBI जांच की मांग

बच्चे को पढ़ा रहीं मीना देवी
मीना देवी इस पैसे से न सिर्फ अपना परिवार चला रही हैं बल्कि अपने बच्चे को भी पढ़ा रही हैं. वहीं अब मीना देवी के पति ने भीख मांगना भी छोड़ दिया है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही जीविका की वजह से ऐसी कई महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं. राज्य सरकार की एक सफल योजना में से जीविका दीदी योजना भी है. इस योजना में कई लाभ हैं, जो गरीब महिलाओं को दी जाती है.

खगड़िया: भादास गांव में भीख मांग कर जीवन यापन करने वाला परिवार अब सम्मानजनक जिंदगी जी रहा है. बता दें जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भदास दक्षिणी पंचायत में मीना देवी का जीवन काफी कष्ट में बीत रहा था. पति के दिव्यांग होने के कारण मीना और उसके बच्चे को सही तरीके से खाना भी नहीं मिल रहा था. जिसके बाद मीना देवी ने जीविका से लोन लेकर किराना दुकान शुरू किया और अपना परिवार चला रही है.

ऋण लेकर खोला दुकान
मीना देवी के पति दिव्यांग होने की वजह से कोई काम नहीं कर पाते थे. भीख मांग कर किसी तरह वो जीवन यापन कर रहे थे. जिस दिन भीख नहीं मिलती थी, उस दिन बच्चे खाना नहीं खाते थे और पूरे परिवार को भूखे सोना पड़ता था. ऐसी स्थिति में आसपास के लोग उन्हें खाना देते थे. इसी बीच मीना देवी जीविका से जुड़ीं. जीविका समूह में जुड़ने के बाद मीना देवी को जीविका ने दुकान खोलने के लिए ऋण दिया. उस दिन से मीना देवी दुकान चला रही हैं और दुकान से प्रतिदिन 700 से 1000 के सामान की बिक्री हो जाती है.

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बच्चे को पढ़ा रहीं मीना देवी
मीना देवी इस पैसे से न सिर्फ अपना परिवार चला रही हैं बल्कि अपने बच्चे को भी पढ़ा रही हैं. वहीं अब मीना देवी के पति ने भीख मांगना भी छोड़ दिया है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही जीविका की वजह से ऐसी कई महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं. राज्य सरकार की एक सफल योजना में से जीविका दीदी योजना भी है. इस योजना में कई लाभ हैं, जो गरीब महिलाओं को दी जाती है.

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