बांका: देशभर में लोग कोरोना वायरस के कारण डर की चादर ओढ़े घरों में दुबके रहने के लिए मजबूर हैं. वहीं बांका जिले में इस वायरस के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाराहाट प्रखंड के केनोलिया के ग्रामीणों ने गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की बांस और बल्ले से बैरिकेडिंग कर दी है.
बाहर से प्रवेश करने वालों पर पहरेदारी
ग्रामीणों ने यहां लॉकडाउन केनोलिया का बैनर भी लटका दिया है. इस पर लिखा है कि कृपया अंदर ना प्रवेश करें. घर पर रहें और सुरक्षित रहें. गांव से कोई बाहर न जा सके और न ही कोई बाहरी व्यक्ति अंदर आ सके इसके लिए ग्रामीणों ने पहरेदारी भी शुरू कर दी है. कोरोना के भारत में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर ऐसा निर्णय लिया है.
खुद को घरों में कैद किया
इस अनूठी पहल की हर तरफ सराहना भी हो रही है. केनोलिया के युवा ग्रामीण हर्ष कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरा विश्व जूझ रहा है. इस महामारी से हजारों लोगों की जान चली गई है. सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से इस बीमारी से बचा जा सकता है. इसी के मद्देनजर ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसला किया है कि केनोलिया गांव पूरी तरह से लॉकडाउन रहेगा. इस दौरान गांव के किसी भी घर से सदस्य बाहर नहीं निकलेंगे. लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है ताकि इस गंभीर बीमारी से बचा जा सके.
'लॉकडाउन का निर्णय सराहनीय'
इस सिलसिले में समाजसेवी ओमप्रकाश यादव बोले कि कोरोना वायरस को लेकर आज पूरा विश्व सदमे में है. इसमें सतर्कता और संयम बरतने की जरूरत है. समाज को जगाने और मनुष्यता को बचाने के लिए जितना हो सके समाज को जागरूक करने की जरूरत है. आम जनों का सहयोग जरूरी है. केनोलिया गांव के ग्रामीणों ने जो लॉकडाउन का निर्णय लिया है वह सराहनीय कदम है. पूरे प्रखंड वासियों के साथ-साथ समाजसेवियों को इस अनूठी पहल को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए.