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बांका: बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

बांका के एक सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इनका आरोप था कि अस्पताल में दवाई नहीं है. सबकुछ बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है.

बांका
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Published : May 8, 2020, 7:00 PM IST

बांका: जिले के शंभूगंज प्रखंड के सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजनों ने खूब बवाल काटा. कई घंटों तक वहां मरीज के परिजन और चिकित्सकों में बहस हुई. यहां अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय शर्मा और स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार सिंह के समझाने के बाद आक्रोशित परिजन शांत हुए.

बच्चे की रास्ते में मौत
जानकारी के अनुसार, शंभूगंज प्रखंड के खोजड़ी गांव निवासी रिंकू कुमारी सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सुबह पांच बजे ही सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई थीं. यहां चार घंटों के बाद प्रसव होते ही बच्चे की स्थिति नाजुक देखकर चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया. इलाज के लिए बाहर ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.

परिजनों ने डॉक्टरों को ठहराया जिम्मेदार
इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया. आक्रोशित लोगों का आरोप था कि बच्चे को जान बूझकर मारा गया है. परिजनों ने बताया कि अस्पताल में न तो कोई दवाई है और न ही कोई सुविधा है. पीड़ित परिजनों का आरोप था कि चार घंटे तक प्रसव पीड़िता को चिकित्सकों ने छूने की बात तो दूर देखा तक नहीं.

बच्चे की हालत थी गंभीर
इधर, शंभूगंज सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है. यहां मरीजों का सही से इलाज और प्रसव कराया गया है. उन्होंने बताया कि बच्चे ने पेट में ही मिकोनियम पी लिया था, जिसके कारण उसकी हालत गंभीर देख बाहर रेफर किया गया था.

बांका: जिले के शंभूगंज प्रखंड के सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजनों ने खूब बवाल काटा. कई घंटों तक वहां मरीज के परिजन और चिकित्सकों में बहस हुई. यहां अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय शर्मा और स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार सिंह के समझाने के बाद आक्रोशित परिजन शांत हुए.

बच्चे की रास्ते में मौत
जानकारी के अनुसार, शंभूगंज प्रखंड के खोजड़ी गांव निवासी रिंकू कुमारी सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सुबह पांच बजे ही सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई थीं. यहां चार घंटों के बाद प्रसव होते ही बच्चे की स्थिति नाजुक देखकर चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया. इलाज के लिए बाहर ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.

परिजनों ने डॉक्टरों को ठहराया जिम्मेदार
इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया. आक्रोशित लोगों का आरोप था कि बच्चे को जान बूझकर मारा गया है. परिजनों ने बताया कि अस्पताल में न तो कोई दवाई है और न ही कोई सुविधा है. पीड़ित परिजनों का आरोप था कि चार घंटे तक प्रसव पीड़िता को चिकित्सकों ने छूने की बात तो दूर देखा तक नहीं.

बच्चे की हालत थी गंभीर
इधर, शंभूगंज सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है. यहां मरीजों का सही से इलाज और प्रसव कराया गया है. उन्होंने बताया कि बच्चे ने पेट में ही मिकोनियम पी लिया था, जिसके कारण उसकी हालत गंभीर देख बाहर रेफर किया गया था.

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