बांका: बांका में शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के पुनसिया बस्ती में पीपल और बरगद के पेड़ की अनूठी शादी करायी गई. पीपल के पेड़ की शादी बरगद के पेड़ के साथ वैदिक मंत्रोच्चार और परम्पराओं के साथ कराई गई. इसके लिए पहले कुंडली मिलवाई गई. फिर हल्दी मेहंदी की रस्म के साथ ही लोगों को आमंत्रण भेजकर बुलाया गया था.
बांका में पीपल और बरगद की अनोखी शादी: आमंत्रण मिलने के बाद तय तिथि को शादी में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. जानकारी के अनुसार देर रात पुनसिया बस्ती के मुहाने में पीपल के पेड़ और बरगद वृक्ष का विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ. विवाह से पूर्व नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह संस्कार हुए. इसके बाद विवाह के लिए पीपल के पेड़ को दूल्हा और बरगद के पेड़ को दुल्हन की तरह सजाया गया.
जदयू नेता भी बने शादी के गवाह: इस मौके पर महिलाओं ने मंगल गीत गाए. धार्मिक अनुष्ठान आचार्य कैलाश झा ने संपन्न कराए. इस विवाह कार्यक्रम पर भंडारे का भी आयोजन किया गया. शादी को संपन्न कराने में पुनसिया बस्ती के ग्रामीणों ने भाग लिया. इस मौके पर जदयू जिला उपाध्यक्ष अशोक यादव, मुकेश कुमार, बलवीर यादव, संतोष कुमार, मनीष कुमार समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.
क्या है इस अनोखी शादी का कारण: आचार्य कैलाश झा के अनुसार हिंदू रीति-रिवाजों में सभी धार्मिक कार्य पीपल के पेड़ में किए जा सकते हैं. विवाह करने के बाद ही यह वृक्ष पवित्र माना जाता है. शादी के बाद पीपल का पेड़ जल चढ़ाने, मनोकामना के लिए बंधन बांधने, पूजा करने के लिए पवित्र माना जाता है.
"दोनों पेड़ एक जगह नहीं थे. शादी के बाद दोनों एक जगह मिल गए. पूरे समाज ने मिलकर दोनों की शादी करायी है. ऐसा करने से अब लोगों को पीपल के पेड़ की पूजा करने में आसानी होगी."- आचार्य कैलाश झा
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