बांका: बौसी के ऐतिहासिक मधुसूदन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर दो दिवसीय कार्यक्रम मनाया गया. जिसमें श्रद्धालुओं का आना बुधवार को भी जारी है. हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से एक जगह पर ज्यादा भीड़ लगने नहीं दिया जा रहा था. सुबह से भगवान का पंचामृत स्नान कराया गया. पंडित अवधेश ठाकुर की अगुवाई में गीता पाठ का आयोजन भी हुआ.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम
पूजा में पंडित निर्मल झा, आनन्द झा और विकास झा सहित अन्य पंडितों ने गीता पाठ अगले 24 घंटे से शुरू कर दिया है. जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को फूलों से पूरी तरह सजाया गया था. दोपहर में चावल दाल का महाप्रसाद का भोग लगाया गया. शाम के समय में भगवान मधुसूदन को कमल के फूलों से सजाकर पूजा की गई. वहीं, रात के समय भगवान मधुसूदन का 11 परातों में विभिन्न भोग लगाया गया. भगवान कृष्ण के जन्म के समय स्थानीय पंडितों और श्रद्धालुओं की ओर से पारंपरिक तरीके से भगवान मधुसूदन को दही डाला दिया गया.
प्रसाद वितरण का कार्यक्रम
वहीं, पूजा के बाद भगवान को बाहर के बरामदे पर विराजमान कर दूध फूल पान सुपारी चढ़ाया गया. इसके बाद दही कादो उत्सव की शुरुआत की गई. अंत में मंदिर के मुख्य पुजारी उदयकांत झा की ओर से पूजा की विधि पूरी की गई. सुबह प्रसाद वितरण का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया. बांका, बौसी, बेलहर, कटोरिया, चांदन, अमरपुर सहित सभी प्रखंडों में भी जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है.