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लॉकडाउन का कहर: भूखमरी की कगार पर बंजारा समुदाय के लोग, मुखिया ने की मदद

चपरी गांव स्थित मैदान में लॉक डाउन के कारण कई राज्यों के आए करीब 45 बंजारे भूखे पेट रात गुजारने को विवश हैं. इस बात की जानकारी मिलने पर स्थानीय मुखिया ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है और उन्होंने उनलोगों के लिए खाने-पीने का प्रबंध कराया है.

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Published : Mar 29, 2020, 11:43 PM IST

बांका: जिले के अमपरपुर प्रखंड के चपरी गांव स्थित मैदान में लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. यहां मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से करीब 45 बंजारे भूखे पेट रात गुजारने को विवश हो रहे हैं. बंजारे की भूखमरी और भूख से बिलखते बच्चों को देखकर भिखनपुर पंचायत के मुखिया मृत्युंजय शर्मा ने उन सभी परिवारों के लिए चूड़ा, मुढ़ी और दालमोट देकर इन परिवारों की मदद की है.

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भुखमरी के कगार पर बंजारे

भूखे पेट रात गुुजारने पर लोग विवश
कांति बाई आदी ने बताया कि हमलोग सपरिवार शहर-शहर जाकर जड़ी बुटी बिक्री करने का कार्य कर अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन करते आ रहे है. उन्होंने बताया कि वे लोग 20 मार्च को अमरपुर आये थे. इसी दौरान कोरोना वायरस को लेकर बिहार सहित पूरे देश को लेकर लॉक डाउन कर दिया गया. इस कारण हमलोग अपने शहर भी नहीं जा सकते हैं. वहीं, जड़ी बुटी बेचने का कार्य भी ठप हो गया. इस कारण छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखे पेट रात गुजारने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट.

आर्थिक मदद करने की कोशिश
पंचायत के मुखिया मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि अपने स्तर से इन परिवारों का आर्थिक मदद करने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने समाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसी विपदा की घड़ी में इन बंजारे परिवार की बढ़ चढ़ कर मदद करना चाहिए. ताकी अमरपुर का नाम रौशन हो सके और ये लोग भूखे पेट सोने से बच सके. ईटीवी भारत विपदा की इस घड़ी में फंसे बंजारों की लोगों से मदद करने की अपील करता है.

बांका: जिले के अमपरपुर प्रखंड के चपरी गांव स्थित मैदान में लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. यहां मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से करीब 45 बंजारे भूखे पेट रात गुजारने को विवश हो रहे हैं. बंजारे की भूखमरी और भूख से बिलखते बच्चों को देखकर भिखनपुर पंचायत के मुखिया मृत्युंजय शर्मा ने उन सभी परिवारों के लिए चूड़ा, मुढ़ी और दालमोट देकर इन परिवारों की मदद की है.

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भुखमरी के कगार पर बंजारे

भूखे पेट रात गुुजारने पर लोग विवश
कांति बाई आदी ने बताया कि हमलोग सपरिवार शहर-शहर जाकर जड़ी बुटी बिक्री करने का कार्य कर अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन करते आ रहे है. उन्होंने बताया कि वे लोग 20 मार्च को अमरपुर आये थे. इसी दौरान कोरोना वायरस को लेकर बिहार सहित पूरे देश को लेकर लॉक डाउन कर दिया गया. इस कारण हमलोग अपने शहर भी नहीं जा सकते हैं. वहीं, जड़ी बुटी बेचने का कार्य भी ठप हो गया. इस कारण छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखे पेट रात गुजारने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट.

आर्थिक मदद करने की कोशिश
पंचायत के मुखिया मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि अपने स्तर से इन परिवारों का आर्थिक मदद करने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने समाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसी विपदा की घड़ी में इन बंजारे परिवार की बढ़ चढ़ कर मदद करना चाहिए. ताकी अमरपुर का नाम रौशन हो सके और ये लोग भूखे पेट सोने से बच सके. ईटीवी भारत विपदा की इस घड़ी में फंसे बंजारों की लोगों से मदद करने की अपील करता है.

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