बांका: जिले में शुद्ध पेयजल की समस्या थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और जिला प्रशासन गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने की दंभ तो भरता है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे हैं. जिले में अभी भी दर्जनों ऐसे गांव है जहां लोगों को शुद्ध पेयजल में नहीं मिल पा रहा है.
पेयजल के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
दरअसल, मामला धोरैया प्रखंड के देवडॉड़ और मुर्गियाचक का है. 500 की आवादी वाले दोनों गांव में शुद्ध पेयजल की किल्लत वर्षो से है. हालांकि, अपनी परेशानी को लेकर स्थानीय ने जनप्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई. बावजूद किसी ने भी जहमत नहीं उठाया. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
'पेयजल के लिए दूसरे गांव पर निर्भर'
ग्रामीणों के प्रदर्शन को बल देने पहुंचे राजद नेता पप्पू यादव ने बताया कि देवडॉड़ और मुर्गियाचक के 500 से अधिक ग्रामीण वर्षो से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. गांव में एक ही चापानल है, जिससे ग्रामीणों का प्यास बुझता था. वह भी खराब पड़ा हुआ है.
उन्होंने बताया कि पानी के लिए ग्रामीणों को पास के गांव पर निर्भर रहना पड़ता है. सरकार और जिला प्रशासन गांव-गांव हर घर नल योजना पहुंचाने की बात तो करता है, लेकिन लोगों को अब भी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है.
'मिनी जलापूर्ति योजना का मिले लाभ'
राजद नेता पप्पू यादव सहित दर्जनों ग्रामीणों ने सरकार से लेकर विभागीय अधिकारियों से शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए मिनी जलापूर्ति योजना का लाभ ग्रामीणों को देने की मांग की.
ग्रामीणों ने बताया कि मिनी जलापूर्ति योजना को लेकर जिला प्रशासन को कई बार आवेदन भी दिया. लेकिन किसी ने समस्या पर गौर नहीं किया.
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया जाएगा तो आगे उग्र आंदोलन करते हुए. जिला मुख्यालय का घेराव किया जाएगा.