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बांका: पर्यावरण संरक्षण को लेकर 55 हेक्टेयर में लगाये गये पौधे, सुरक्षा के लिए कैटल गार्ड नियुक्त - बांका लेटेस्ट न्यूज

Banka
बांका
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Published : Nov 5, 2020, 7:38 PM IST

बांका: जिले के बेलहर प्रखंड क्षेत्र में वन विभाग की ओर से पर्यावरण को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए औषधि पौधे लगाये गए. इसके साथ ही बारिश कराने वाले पौधों का लगभग 55 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण कराया गया है. इसकी सुरक्षा के लिए कैटल गार्ड की नियुक्ति कर देखभाल कराई जा रही है.

पौधारोपण कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार हनुमाना डैम के नीचे गड़िहारी वन बीट क्षेत्र के लगभग 55 हेक्टेयर बंजर भूमि पर 55450 पौधे लगाये गए. जिसमें खैर, आवला, करंच, कुसुम, पीपल, वर, अर्जुन, कहुआ, शीशम, लिप्टस, बकैन, चकुंडी अरकसीया और रैनट्री लगाया गया है. इस पौधे के संबंध में जानकारों का मानना है कि इसमें बारिश को आकर्षित करने की क्षमता होती है. वन विभाग की ओर से असामयिक बारिश अतिवृष्टि, अनावृष्टि और चिलचिलाती धूप जैसी समस्या को नियंत्रित करने के लिए पौधारोपण कराया गया है. जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ वनभूमि की सुरक्षा भी संभव हो रही है. वहीं, पौधारोपण नहीं होने के कारण वन विभाग के जमीनों का अतिक्रमण करने की परंपरा चलती रहती है. लेकिन अब पौधारोपण हो जाने से पर्यावरण की शुद्धता के साथ-साथ सरकारी जमीन की भी सुरक्षा हो रही है.

कैटल गार्ड नियुक्त
वन परिसर अधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने बताया कि वन विभाग की ओर अक्सर पौधारोपण का कार्य किया जाता रहा है. पौधारोपण कराने के बाद इसकी सुरक्षा में कैटल गार्ड को नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही साथ वनरक्षी और वन विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर वन रोपण क्षेत्र का निरीक्षण करते हैं. वहीं, इसकी बढ़ोतरी के लिए समय-समय पर निकाई-गुड़ाई और कीटनाशक उर्वरक का प्रयोग किया जा रहा है.

बांका: जिले के बेलहर प्रखंड क्षेत्र में वन विभाग की ओर से पर्यावरण को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए औषधि पौधे लगाये गए. इसके साथ ही बारिश कराने वाले पौधों का लगभग 55 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण कराया गया है. इसकी सुरक्षा के लिए कैटल गार्ड की नियुक्ति कर देखभाल कराई जा रही है.

पौधारोपण कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार हनुमाना डैम के नीचे गड़िहारी वन बीट क्षेत्र के लगभग 55 हेक्टेयर बंजर भूमि पर 55450 पौधे लगाये गए. जिसमें खैर, आवला, करंच, कुसुम, पीपल, वर, अर्जुन, कहुआ, शीशम, लिप्टस, बकैन, चकुंडी अरकसीया और रैनट्री लगाया गया है. इस पौधे के संबंध में जानकारों का मानना है कि इसमें बारिश को आकर्षित करने की क्षमता होती है. वन विभाग की ओर से असामयिक बारिश अतिवृष्टि, अनावृष्टि और चिलचिलाती धूप जैसी समस्या को नियंत्रित करने के लिए पौधारोपण कराया गया है. जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ वनभूमि की सुरक्षा भी संभव हो रही है. वहीं, पौधारोपण नहीं होने के कारण वन विभाग के जमीनों का अतिक्रमण करने की परंपरा चलती रहती है. लेकिन अब पौधारोपण हो जाने से पर्यावरण की शुद्धता के साथ-साथ सरकारी जमीन की भी सुरक्षा हो रही है.

कैटल गार्ड नियुक्त
वन परिसर अधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने बताया कि वन विभाग की ओर अक्सर पौधारोपण का कार्य किया जाता रहा है. पौधारोपण कराने के बाद इसकी सुरक्षा में कैटल गार्ड को नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही साथ वनरक्षी और वन विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर वन रोपण क्षेत्र का निरीक्षण करते हैं. वहीं, इसकी बढ़ोतरी के लिए समय-समय पर निकाई-गुड़ाई और कीटनाशक उर्वरक का प्रयोग किया जा रहा है.

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