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चांदन पुल के क्षतिग्रस्त होने से लोगों की बढ़ी परेशानी, निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व RJD सांसद

आरजेडी नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि बालू संवेदक न सिर्फ गलत तरीके से बालू का उठाव कर रहे हैं बल्कि सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लगा रहे हैं. इस पर पूरा विभाग मौन है. जिससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है.

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Published : Jan 19, 2020, 12:28 PM IST

बांका: जिले के चांदन नदी पर बने पुल के 6 में से 4 पाये क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिससे यहां बड़े वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है. जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बांका के पूर्व सांसद सह आरजेडी नेता जयप्रकाश नारायण यादव पुल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार से इसे जल्दी बनवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

प्रशासन ने अब तक नहीं की नए पुल की पहल
चांदन नदी पर बने पुल के दो पाये आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके लिए प्रशासन ने दोनों तरफ से लोहे का गाडर लगाकर बड़े वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी है. लेकिन सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक नए पुल की पहल नहीं की है. बता दें कि पुल एनएच-333 ए में शामिल है. जो बांका को भागलपुर, झारखंड और बंगाल से जोड़ता है.

चांदन नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त

'सरकार को करोड़ों के राजस्व का घाटा'
आरजेडी नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि बालू संवेदक न सिर्फ गलत तरीके से बालू का उठाव कर रहे हैं, बल्कि सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लगा रहे हैं. इस पर पूरा विभाग मौन है, जिससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. जबकि नियमानुसार किसी भी नदी के पुल पर तीन सौ मीटर तक बालू का उठाव मना है.

सरकार से पुल के मरम्मत की गुहार
पूर्व सांसद ने सरकार और जिलाधिकारी से जल्द से जल्द इस पुल को मरम्मत कराने की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में इस सड़क को फोर लेन में पास कराया गया है. जिस पर काम भी चल रहा है. यहां के लोगों को कई किमी का चक्कर लगाकर अपने गंतव्य पर जाना पड़ता है.

बांका: जिले के चांदन नदी पर बने पुल के 6 में से 4 पाये क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिससे यहां बड़े वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है. जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बांका के पूर्व सांसद सह आरजेडी नेता जयप्रकाश नारायण यादव पुल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार से इसे जल्दी बनवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

प्रशासन ने अब तक नहीं की नए पुल की पहल
चांदन नदी पर बने पुल के दो पाये आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके लिए प्रशासन ने दोनों तरफ से लोहे का गाडर लगाकर बड़े वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी है. लेकिन सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक नए पुल की पहल नहीं की है. बता दें कि पुल एनएच-333 ए में शामिल है. जो बांका को भागलपुर, झारखंड और बंगाल से जोड़ता है.

चांदन नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त

'सरकार को करोड़ों के राजस्व का घाटा'
आरजेडी नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि बालू संवेदक न सिर्फ गलत तरीके से बालू का उठाव कर रहे हैं, बल्कि सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लगा रहे हैं. इस पर पूरा विभाग मौन है, जिससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. जबकि नियमानुसार किसी भी नदी के पुल पर तीन सौ मीटर तक बालू का उठाव मना है.

सरकार से पुल के मरम्मत की गुहार
पूर्व सांसद ने सरकार और जिलाधिकारी से जल्द से जल्द इस पुल को मरम्मत कराने की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में इस सड़क को फोर लेन में पास कराया गया है. जिस पर काम भी चल रहा है. यहां के लोगों को कई किमी का चक्कर लगाकर अपने गंतव्य पर जाना पड़ता है.

Intro:एक सप्ताह पूर्व बांका मुख्यालय के लाइफ लाइन मानी जाने वाली चांदन नदी पुल के छः पिलर में चार के क्षतिग्रस्त होने से बड़ी वाहन के यातायात के लिए बन्द पड़े पुल का बांका के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने निरीक्षण कर सरकार पर इसे जल्दी बनवाने और दोषी संवेदक पर कार्यवाही की मांग किया है।
Body:बांका: जिले के चांदन नदी पर बने पुल का छह में से चार पाया क्षतिग्रस्त हो गया है जबकि पुल का दो पाया आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रशासन द्वारा दोनो ओर लोहे का गाडर लगाकर बड़े वाहन के आने जाने पर रोक लगा दिया गया है। लेकिन सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नये पुल की पहल शुरू नही की गई है।जबकि यह पुल एनएच 333 ए में भी शामिल है। जो बांका को भागलपुर, झारखंड और बंगाल से जोड़ता है। चांदन नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। लोगों को कई किमी अतिरिक्त चक्कर लगाकर अपने गंतव्य पर जाना होता है।इसी समस्या को देखने बांका के पूर्व सांसद सह राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने अपने राजद कार्यकर्ताओ के साथ पुल का निरीक्षण किया औऱ इसके लिए बांका जिला प्रशासन की मिलीभगत से सभी नियम कानून को ताख पर रखकर बालू संवेदक महादेव इंक्लेव की मनमानी को मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा कि बालू संवेदक ना सिर्फ गलत तरीके से बालू का उठाव कर रहे हैं. बल्कि सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लगा रहे हैं. इस पर पूरा प्रशासनिक विभाग मौन है। जिससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। जबकि नियमानुसार किसी भी नदी के पुल पर तीन सौ मीटर तक बालू का उठाव वर्जित है।Conclusion:पूर्व सांसद ने बिहार सरकार औऱ जिलाधिकारी से जल्द से जल्द इस लाइफ लाइन पुल को मरम्मत कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में इस सड़क को फ़ॉर लेन में पास कराया गया है। जिसपर काम भी चल रहा है।
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