बांका: क्षतिग्रस्त चांदन पुल से होकर लोगों की लगातार आवाजाही को देखते हुए जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने इस पर रोक लगा दिया है. बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजर रहे हैं. सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों की तरफ से मनाही करने पर लोग बदसलूकी तक करते हैं.डीएम ने एसडीएम मनोज कुमार चौधरी को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया था. मॉनिटरिंग तो नहीं हो पा रही है बल्कि कुछ जवानों की ड्यूटी लगा दी गई है.
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने टाउन थानाध्यक्ष राजेश कुमार झा को लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए पुलिस अधिकारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था. लेकिन क्षतिग्रस्त चांदन पुल पर सिर्फ होमगार्ड जवानों को तैनात किया गया. क्षतिग्रस्त चांदन पुल पर तैनात होमगार्ड जवान प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि समझाने के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं है और जबरन क्षतिग्रस्त पुल पार कर रहे हैं.
रोकने पर होम गार्ड जवान के करते हैं बदसलूकी
होम गार्ड जवान ने कहा कि लोगों को पु जाने से रोकने के प्रयास पर खासे नाराज हो जाते हैं. यहां तक कि मारपीट तक की नौबत आ जाती है. लोगों की सुरक्षा के लिए होम गार्ड के जवानों की तैनाती हुई है लेकिन स्थानीय लोग सुनने को तैयार नहीं है. रोकने के दौरान दर्जनों लोग एकत्रित हो जाते हैं यहां तक कि गाली-गलौज भी करते हैं. इस संबंध में वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है.
12 जनवरी को क्षतिग्रस्त हुआ था चांदन पुल
बता दें कि लगातार ओवरलोड वाहनों की आवाजाही के कारण 12 जनवरी को चांदन पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. कुछ दिनों तक तो लोगों की आवाजाही जारी रही. लेकिन पुल के पूरी तरह से जमीनदोज होने के बाद दोनों छोर पर ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई. इसके बावजूद लोग दीवार फांद कर क्षतिग्रस्त पुल से पार कर रहे हैं. कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होने की वजह से लोग मजबूरन बांका जाने के लिए खतरा उठा रहे हैं. आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है वह शायद ही यहांं पहुंचते हैं.