बांका: जिले के अमरपुर प्रखंड के करीब 3 दर्जन गांव में पिछले एक महीने से बंदरों ने आतंक मचा रखा है. ऐसे में गुरुवार को वन विभाग ने दो बंदरों का रेस्क्यू किया है. इसके साथ ही बल्लीकित्ता गांव के लोगों ने गुरुवार को राहत का सांस ली.
बांका में बंदरों का आतंक: वन विभाग और भागलपुर के वाइल्ड लाइफ रिसर्च टीम ने बल्लीकित्ता गांव पहुंचकर दो बंदर का रेस्क्यू किया और अपने साथ ले गये. भागलपुर से आये रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों द्वारा पहचान कराए जाे के बाद दोनों बंदर को चिन्हित कर ट्रैंक्यूलाइज किया और फिर अपने साथ लेकर चले गए.
दो बंदरों का रेस्क्यू: बता दें कि बल्लीकित्ता गांव सहित कामदेवपुर, डुमरामा, अमरपुर, चपरी,मोहता समेत कुल एक दर्जन गांव में पिछले एक महीने से बंदरों ने आतंक मचा रखा था. बंदरों ने लगभग 3 दर्जन से अधिक लोगों को हमला करके घायल कर दिया था. बंदरों के डर से ग्रामीण और बच्चे घर से निकलने में भी डरते थे.
भाजपा नेता ने की थी पहल: बंदर के आतंक की सूचना पर पिछले सप्ताह अमरपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी भाजपा नेता डॉ मृणाल शेखर बल्लीकित्ता गांव पहुंचे थे और सभी घायलों से मुलाकात की थी. उस दौरान मृणाल शेखर ने कटखने बंदर (काटने वाला बंदर) के रेस्क्यू का आश्वासन दिया था.
घंटों की मशक्कत के बाद पकड़ में आए बंदर: मृणाल शेखर की पहल पर वाइल्ड लाइफ रिसर्च और वन विभाग के टीम ने बल्लीकित्ता पहुंचकर कटखने बंदर का रेस्क्यू किया. वन विभाग के रेस्क्यू टीम ने बताया कि काफी "मशक्कत के बाद बंदर को पकड़ा गया जो दिखने में ही खूंखार लग रहा है. ग्रामीणों का भरपुर सहयोग मिला जिसके कारण हम बंदर पकड़ पाए."
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