बांका: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मजदूरों को जो सुविधा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर जिलेभर में प्रवासी मजदूरों के लगातार हंगामे का दौर जारी है. रविवार को अमरपुर प्रखंड के डुमरामा स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर पर प्रवासी मजदूरों ने जमकर बवाल काटा और सड़क को घंटों जाम कर दिया. मजदूर सरकार के गाइडलाइन के तहत सुविधा मुहैया कराने का मांग कर रहे थे.
नहीं मिल रही है कोई सुविधा
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि डुमरामा क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. सरकार संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता के साथ- साथ सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दे रही है. लेकिन यहां ना तो सैनिटाइजर है और न ही साबुन है. सोने के लिए बिस्तर तक नहीं दिया गया है. यहां तक कि पीने के पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है. खाना तो छोड़िए चाय भी नसीब नहीं हो पा रही है. सुविधाओं के लिए ही मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.
शौचालय में जड़ दिया गया है ताला
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि सरकार देश को खुले में शौच मुक्त कराना चाहती है. लेकिन बांका जिले के सरकारी अमला के लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले मजदूरों को खुले में शौच करने जाने के लिए कहा जा रहा है. शौचालय रहने के बावजूद उस में ताला जड़ दिया गया है. आस-पास के ग्रामीण खेतों में शौच करने के लिए जाने वाले लोगों को मना कर रहे हैं. इसके बावजूद सुध नहीं लिया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन सुविधा मुहैया कराने का दंभ तो भरता है, लेकिन हकीकत इससे परे है.