बांका: बिहार के बांका जिले के बेलहर थाना इलाके के चतराहन गांव से गुरुवार रात अपहरण किए गए ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल ( Doctor Umesh Varnwal )को अपहरणकर्ताओं ने तीन दिन बाद रविवार अहले सुबह जमुई जिले के झाझा थाना अंतर्गत पैरघा मोड़ पर छोड़ दिया. इसके बाद किसी तरह चिकित्सक घर ( Kidnapped Doctor Umesh Varnwal Reached Home ) पहुंचे. बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने चिकित्सक को छोड़ने के लिए बाइक का इस्तेमाल किया था.
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अपहृत को छोड़ने के एवज में अपहरणकर्ताओं ने फिरौती वसूली किया है या नहीं, इसका पता नहीं चल सका है. लेकिन फिरौती की रकम अपहृत द्वारा कबूल करने की आशंका जताई जा रही है. वहीं अपहृत को मुक्त करने में लगातार पड़ रही पुलिस दबिश मुख्य वजह बताया जा रहा है. बताया जाता है कि अपहृत को अपहरणकर्ताओं ने बोलेरो पर बिठाते ही आंख पर पट्टी बांध दिया था. सभी अपहरणकर्ता भी नकाब में थे, जिस कारण उसकी पहचान संभव नहीं हो सकी.
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जानकारी के अनुसार, पहले दिन बोलेरो वाहन से उतारकर एक मवेशी बांधने के झोपड़ीनुमा गुहाल में रखा था. इसके बाद लगातार ठिकाना बदलता रहा. दूसरे दिन जहां उन्हें रखा गया था, वहां लोगों की काफी हलचल थी. भोजन में मुढ़ी और चूड़ा दिया जाता था. अपहृत के घर लौटने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस चतराहन पहुंची. अपहृत से घटना की सारी जानकारी ली.
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गौरतलब है कि गुरुवार रात सड़क दुर्घटना में एक घायल के इलाज करने के बहाने दरवाजा खुलवाकर घर से अपहरण कर लिया गया था.थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया अपहृत का सकुशल घर वापसी हो गई है. पुलिस दबिश के कारण अपहरणकर्ताओं ने मुक्त कर दिया है. फिरौती की रकम नहीं दी गई है.
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