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बांकाः दस दिवसीय शिवशक्ति महारुद्र यज्ञ की शुरुआत, निकाली गई भव्य कलश यात्रा

महारुद्र यज्ञ की शुरुआत काशी से आए नागा बाबा औरअयोध्या से आए हुए पंडित विवेक दीक्षित, कृष्ण मुरारी अवस्थी सहित 11 विद्वानों ने की.

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कलश यात्रा
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Published : Feb 12, 2020, 2:52 PM IST

बांकाः बौसी स्थित बलथरिया गांव में दस दिवसीय शिवशक्ति महारुद्र यज्ञ की शुरुआत भव्य शोभायात्रा के साथ हुई. जिसमें गोकुला दुर्गा मंदिर की नदी से ग्यारह सौ महिलाओं और बच्चियों ने कलश में जल लेकर यात्रा की शुरूआत की.

कई इलाकों से गुजरी शोभायात्रा
बांका के बौसी में शिवशक्ति महारुद्र यज्ञ को लेकर बलथरिया गांव में भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा गोकुला दुर्गा मंदिर होते हुए पलार, लोबन्धो, कोराबा मंदिर, धर्मपुर कुसियारी शिव मंदिर होते हुए बलथरिया महादेव मंदिर प्रांगण में यज्ञ शाला तक पहुंची. महिलाओं और बच्चियों ने इस दौरान करीब 10 किलोमीटर की पैदल यात्रा की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

निकाली गई देवी-देवताओं की झांकी
इससे पहले महारुद्र यज्ञ की शुरुआत काशी से आए नागा बाबा और अयोध्या से आए हुए पंडित विवेक दीक्षित, कृष्ण मुरारी अवस्थी सहित 11 विद्वानों ने की. यज्ञशाला के बगल में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा भी झांकी के रूप में लगाई गई. आस-पास के गांव में आयोजन को लेकर उत्सवी माहौल चल रहा है.

ये भी पढ़ेंः बांकाः 7 सूत्री मांगों को लेकर 17 फरवरी से हड़ताल पर रहेंगे शिक्षक

10 दिनों तक चलेगा महारुद्र यज्ञ
आयोजन को सफल बनाने में यज्ञ सेवा समिति और बलथरिया सहित आसपास के ग्रामीण सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. शिव शक्ति महारुद्र यज्ञ का समापन 21 फरवरी को होगा. इस दौरान ग्रामीणों को रोजाना प्रवचन और सत्संग सुनने का मौका मिलेगा.

बांकाः बौसी स्थित बलथरिया गांव में दस दिवसीय शिवशक्ति महारुद्र यज्ञ की शुरुआत भव्य शोभायात्रा के साथ हुई. जिसमें गोकुला दुर्गा मंदिर की नदी से ग्यारह सौ महिलाओं और बच्चियों ने कलश में जल लेकर यात्रा की शुरूआत की.

कई इलाकों से गुजरी शोभायात्रा
बांका के बौसी में शिवशक्ति महारुद्र यज्ञ को लेकर बलथरिया गांव में भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा गोकुला दुर्गा मंदिर होते हुए पलार, लोबन्धो, कोराबा मंदिर, धर्मपुर कुसियारी शिव मंदिर होते हुए बलथरिया महादेव मंदिर प्रांगण में यज्ञ शाला तक पहुंची. महिलाओं और बच्चियों ने इस दौरान करीब 10 किलोमीटर की पैदल यात्रा की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

निकाली गई देवी-देवताओं की झांकी
इससे पहले महारुद्र यज्ञ की शुरुआत काशी से आए नागा बाबा और अयोध्या से आए हुए पंडित विवेक दीक्षित, कृष्ण मुरारी अवस्थी सहित 11 विद्वानों ने की. यज्ञशाला के बगल में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा भी झांकी के रूप में लगाई गई. आस-पास के गांव में आयोजन को लेकर उत्सवी माहौल चल रहा है.

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10 दिनों तक चलेगा महारुद्र यज्ञ
आयोजन को सफल बनाने में यज्ञ सेवा समिति और बलथरिया सहित आसपास के ग्रामीण सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. शिव शक्ति महारुद्र यज्ञ का समापन 21 फरवरी को होगा. इस दौरान ग्रामीणों को रोजाना प्रवचन और सत्संग सुनने का मौका मिलेगा.

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