बांका: जिले में कोरोना को लेकर भयावह स्थिति उत्पन्न होती जा रही है. मरीजों की संख्या 450 से अधिक हो गयी है. अकेले शहरी क्षेत्र में 200 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं. वहीं संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से स्थिति और भयावह हो गई है.
पिछले तीन दिनों से जिले में कोविड-19 टेस्ट नहीं हो पाया है. अस्पतालों में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवा तक पूरी तरह से प्रभावित है. आम मरीजों के साथ-साथ कोविड-19 टेस्ट कराने पहुंचने वाले लोगों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. पहले से जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई है उन्हें भी अब तक आइसोलेट नहीं किया गया है. इससे जिले में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडराने लगा है.
3 दिनों से नहीं हो रहा है कोविड-19 टेस्ट
संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से पिछले तीन दिनों से कोविड-19 टेस्ट जिले भर में बंद है. सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट सदर अस्पताल में ही होता था. लेकिन 17 सूत्री मांगों के समर्थन में 80 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
सदर अस्पताल के प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि संविदा पर बहाल कर्मियों के सहयोग से ही कोविड-19 टेस्ट हो रहा था. पिछले 3 दिनों से यह टेस्ट पूरी तरह से प्रभावित है. एक भी संदिग्ध की सैंपलिंग नहीं हुई है. पिछले 3 दिनों से जितने भी पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, अब तक एक को भी आइसोलेट नहीं किया जा सका है.
जल्द से जल्द सरकार हमारी मांगों को करे पूरा
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि अस्पतालों में शत-प्रतिशत कोविड-19 टेस्ट बंद है. स्वास्थ्य कर्मी अपने जायज 17 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. परिवार के लिए कोई भी सुविधा नहीं है. अगर मौत हो जाती है तो हमारे लिए कोई सहायता राशि भी नहीं है. इन्हीं सब मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द हमारी मांगों को पूरा करें. ताकि पहले की तरह 24 घंटे अपनी सेवा दे सके.