बांका: जिले के शंभूगंज में दहेज रूपी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए दूल्हा ने नायाब तरीका ढूंढा. कोरोना काल में बिना दहेज व बारात के दूल्हा साइकिल पर सवार होकर लड़की के घर पहुंचा. लड़के की इस पहल को देखकर लड़की पक्ष के लोग दंग रह गए. बगैर वाहनों के काफिले के निकली बारात लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई.
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शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के भरतशिला गांव के ब्रह्मदेव तांती की पुत्री कुमकुम कुमारी की शादी भागलपुर जिले के सुलतानगंज प्रखंड क्षेत्र के उंचागांव में अनिल तांती के पुत्र गौतम कुमार से तय होने का सिलसिला दो वर्ष से जारी था. दोनों की शादी में 2020 का कोरोना का पहला लहर बाधक बना फिर 2021 में शादी तय होने की चर्चा शुरू हुई तो फिर कोरोना की दूसरी लहर बाधक बन गई. इसके कारण दोनों की शादी की तैयारी पर कोरोना ने पानी फेर दिया.
लिया था फिजूलखर्ची से दूर रहने का संकल्प
कोरोना काल में देश में फैली त्रासदी को देख गौतम कुमार और उसकी होने वाली पत्नी कुमकुम कुमारी का मन दुखी हो गया. ऐसे में अंदर ही अंदर गौतम कुमार व कुमकुम कुमारी ने बिना दहेज व बिना बारात के ही शादी करने की ठान ली. गौतम कुमार ने बिना दहेज, बारात, आधुनिक वाहनों पर अत्याधिक खर्च और दिखावे के फिजूलखर्ची से दूर ही रहने का संकल्प ले लिया. परिवार वालों से बिना सहमति लिए ही गौतम कुमार अपने घर उंचागांव से साइकिल निकालकर शादी करने के लिए सेहरा बांधकर अकेला ही वधू के घर पर पहुंच गया. रास्ते में साइकिल पर सवार दूल्हे को देख हर किसी का ध्यान बरबस खिंचता रहा.
ससुराल में दूल्हे का हुआ जमकर स्वागत
साइकिल से दूल्हा बनकर जब गौतम कुमार दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचा तो वहां पर ससुराल वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दूल्हे का जमकर स्वागत किया गया. ऐसी अनोखी बारात पहली बार ससुराल पहुंची थी. सास, ससुर और अन्य ससुराल पक्ष के लोगों के दिल में दूल्हे गौतम कुमार की अलग छाप पड़ी और पूरे उत्साह के साथ उसका स्वागत किया गया. शादी के बाद गौतम कुमार और उनकी पत्नी कुमकुम कुमारी ने बताया कि उनलोगों ने ऐसा छोटा सा प्रयास किया ताकि लोगों को इससे सीख मिल सके.
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