बांका: हाल ही में एक गाना काफी फेमस हुआ है. इसके बोल हैं..'बचपन का प्यार मेरा भूल नहीं जाना रे'. इसे गाने वाला बच्चा भी रातों-रात स्टार बन गया है. सीएम से लेकर बड़े-बेड़ सिंगर तक सहदेव दिरदो नाम के उस बच्चे के साथ अपनी फोटो खिंचवा रहे हैं. फिलहाल यह गाना लोगों की जुबान पर चढ़ा है. ये तो हुई गाने की बात. अब आप को बताते हैं एक दूसरा वाकया जो कहीं न कहीं उस गाने को रीयल लाइफ में चरितार्थ करता है.
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बांका (Banka) जिले के आनन्दपुर ओपी अंतर्गत बारने गांव के रहने वाले गुलाब कुमार की अपने ही गांव की एक लड़की से स्कूल में ही आंखें चार हो गयी थीं. दोनों एक दूसरे से मोहब्बत करने लगे. यह सिलसिला कई वर्षों तक लगातार चलता रहा. दोनों स्कूल से जवानी की दहलीज पर पहुंचे. उनका प्यार और प्रगाढ़ होता गया. इसके साथ ही एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते रहे.
अचानक इनके सपनों पर वज्रपात उस समय हुआ जब दोनों ने अपने प्रेम को सामाजिक स्वीकृति दिलाने के लिए शादी करने का मन बनाया. बस क्या था...दोनों के परिवार खिलाफ हो गये, अड़ गये कि यह शादी नहीं होगी. अब यहां उनकी कहानी अलग मोड़ लेती है. युवती ने एक बोल्ड डिसिजन लिया.
जब परिवार वाले शादी के खिलाफ हो गये तो लड़की ने सबको दरकिनार किया. अपने बचपन के प्यार गुलाब के घर पहुंच गयी. इधर, लड़की के गायब होने पर परिजन बेचैन हो गये. नाते-रिश्तेदारों के यहां उसकी खोज शुरू हुई लेकिन कहीं भी पता नहीं चला. बाद में परिजनों को जानकारी मिली कि लड़की तो अपने बचपन के प्यार के घर में है. यह सुनते उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. वे भागे-भागे थाने पहुंचे. उसके बाद पुलिस वाले लड़के घर पहुंचे और दोनों को थाने ले आये.
थाने में सबके सामने इस जोड़े ने साथ रहने की बात कही. जिद पर अड़े रहे. इसके बाद पंचायत बैठी. दोनों की जिद और पंचायत-पुलिस की काफी कोशिश के बाद दोनों पक्ष शादी के लिए राजी हुए. फिर क्या था, लालपुर गांव के शिव मंदिर में चट मंगनी पट ब्याह हो गया. उसके बाद नवदंपति वहां से घर के लिए रवाना हो गया. उन्हें उनका बचपन का प्यार मिल गया था.