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बांकाः कर्ज में डूबे लेमनग्रास की खेती कर रहे किसान, नहीं मिला कोई अनुदान - बांका में लेमनग्रास की खेती में नुकसान

तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार और कृषि अधिकारी सुदामा महतो ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि लेमनग्रास की खेती करने पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये अनुदान दिए जाएंगे. लेकिन किसानों को अभी तक इसका भुगतान नहीं हो सका है और फसल भी सूखकर बर्बाद हो रहे हैं.

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Published : Mar 4, 2020, 11:06 AM IST

बांकाः जिले के लेमनग्रास की खेती करने वाले किसान कर्ज में डूब गए हैं. उन्हें ना तो अनुदान दिया गया और ना ही लेमनग्रास से तेल निकालने वाली मशीन उपलब्ध कराई गई. फसल तैयार होने के बाद अब खेतों में सूखकर बर्बाद हो रही है.

अधिकारियों ने दिया था आश्वासन
चांदन प्रखंड के किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर लेमनग्रास की खेती की शुरुआत की थी. तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार और कृषि अधिकारी सुदामा महतो ने कहा था कि इसकी खेती करने पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये अनुदान दिए जाएंगे. साथ ही फसल तैयार होने बाद इससे तेल निकालने वाली मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिसे बेचकर किसानों का अच्छा खासा मुनाफा होगा.

पेश है रिपोर्ट

कर्ज में हैं किसान
प्रखंड के पारडीह निवासी दिवाकर चौधरी ने 3 एकड़, सिलजोरी के बासुकीनाथ दुबे 5 एकड़, भोडाबाजार के रहने वाले रामकृष्ण मंडल 4 एकड़ और इसी गांव के निर्मल मंडल, गुरुदेव वर्णवाल और रामाशंकर पांडेय ने एक-एक एकड़ में लेमनग्रास की खेती की थी. किसानों ने बताया कि हमारे पास जो भी जमापूंजी थी, उसे इसमें लगा दिया था और कुछ कर्ज भी लेना पड़ा था, लेकिन सब डूब गया. जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है.

बांकाः जिले के लेमनग्रास की खेती करने वाले किसान कर्ज में डूब गए हैं. उन्हें ना तो अनुदान दिया गया और ना ही लेमनग्रास से तेल निकालने वाली मशीन उपलब्ध कराई गई. फसल तैयार होने के बाद अब खेतों में सूखकर बर्बाद हो रही है.

अधिकारियों ने दिया था आश्वासन
चांदन प्रखंड के किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर लेमनग्रास की खेती की शुरुआत की थी. तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार और कृषि अधिकारी सुदामा महतो ने कहा था कि इसकी खेती करने पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये अनुदान दिए जाएंगे. साथ ही फसल तैयार होने बाद इससे तेल निकालने वाली मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिसे बेचकर किसानों का अच्छा खासा मुनाफा होगा.

पेश है रिपोर्ट

कर्ज में हैं किसान
प्रखंड के पारडीह निवासी दिवाकर चौधरी ने 3 एकड़, सिलजोरी के बासुकीनाथ दुबे 5 एकड़, भोडाबाजार के रहने वाले रामकृष्ण मंडल 4 एकड़ और इसी गांव के निर्मल मंडल, गुरुदेव वर्णवाल और रामाशंकर पांडेय ने एक-एक एकड़ में लेमनग्रास की खेती की थी. किसानों ने बताया कि हमारे पास जो भी जमापूंजी थी, उसे इसमें लगा दिया था और कुछ कर्ज भी लेना पड़ा था, लेकिन सब डूब गया. जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है.

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