बांका: बिहार के बांका शहर में पुलिस के नाक के नीचे एक फर्जी थाना (Fake police station in Banka) चल रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं पड़ी, लेकिन बुधवार सुबह पुलिस ने गेस्ट हाउस में चल रहे फर्जी थाना पर छापा मारा. छापेमारी के दौरान कई फर्जी वर्दीधारियों को पिस्टल और अन्य फर्जी कागजात के साथ गिरफ्तार किया गया. फिलहाल गेस्ट हाउस में फर्जी थाने के संचालन के बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
ये भी पढ़ें: Fact Check : ईटीवी भारत आपको बता रहा मोबाइल कंपनी पर केस दर्ज की पूरी सच्चाई
अनुराग गेस्ट हाउस में चल रहा था फर्जी थाना: बताया जाता है कि यह फर्जी थाना अनुराग गेस्ट हाउस (Fake police station in Anurag guest house) में चलाया जा रहा था. पुलिस को जब पता चला कि गेस्ट हाउस में फर्जी तरीके से कृत्रिम थाने का संचालन हो रहा है तो छापेमारी की गई. इस छापेमारी में फर्जी वर्दी में कई लोगों को पकड़ा गया. सबसे बड़ी बात कि थाने में दारोगा भी थी. दारोगा के किरदार को एक युवती अनिता देवी निभा रही थी. गिरफ्तार अनिता के पास से एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया है. अनिता बताती है कि यह कट्टा उसके वरीय पदाधिकारी द्वारा सीखने के लिए दिया गया था. उसकी बहाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर हुई है.
"वरीय पदाधिकारी ने सीखने के लिए देसी कट्टा दिया था. मेरी बहाली झारखंड के सीएम के कहने पर यहां हुई है."- अनिता देवी, फर्जी दारोगा
मामले में फुल्लीडुमर निवासी भोला यादव का नाम आया सामने: फर्जी पुलिस थाने में मुंशी का काम कर रहे फुल्लीडुमर के लौढिया गांव के रमेश कुमार और सुल्तानगंज के खानपुर की रहने वाली जुली कुमारी को भी हिरासत में लिया गया है. भागलपुर जिला अंतर्गत खानपुर के ही आकाश कुमार को भी पुलिस वर्दी में कई अन्य कागजात के साथ गिरफ्तार किया गया है. पुलिस द्वारा पूछताछ में सबों ने अपने सीनियर ऑफिसर फुल्लीडुमर निवासी भोला यादव के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हीं के दिशा निर्देश पर हमलोग कार्य करते हैं.
हर दिन मिलती है 500 दिहाड़ी: गिरफ्तार फर्जी पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें हर दिन पांच सौ रुपए मजदूरी के रूप में दिए जाते हैं. पुलिस ने गेस्ट हाउस से इनके रसोईया को भी गिरफ्तार किया है. उससे भी पूछताछ की जा रही है. इस फर्जी थाने में रोजाना फरियादी की भीड़ लगी रहती थी और आवेदन लेकर दोनों पक्षों को डरा धमका कर वसूली कर दोनों पक्षो का मेल मिलाप कराकर वापस भेज दिया जाता था.
पुलिस पर उठ रहे गंभीर सवाल: जिले के इस फर्जी थाने ने कई तरह से सवाल पुलिस प्रशासन के सामने खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल ये कि फर्जी थाना कितने दिन से चल रहा था और इसका मुख्य सरगना कौन था?. पुलिस को आजतक इसकी भनक क्यों नहीं लगी? इस संबंध में एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी पुलिस गिरोह का संचालन करने वाला मुख्य सरगना अभी फरार है. जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.