बांका: डीएम सुहर्ष भगत गुरुवार को बौंसी प्रखंड स्थित चांदन डैम निरीक्षण करने पहुंचे. उनके साथ जिलास्तरीय कई अधिकारी भी थे. डीएम ने चांदन डैम में भरे गाद को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जानकारी हासिल की. बता दें कि चांदन डैम के 70 फीसदी हिस्से में गाद भर गया है. जिसके चलते किसानों के बीच पटवन की समस्या उत्पन्न हो गई है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डैम के अधिकांश हिस्से में बालू भरा हुआ है. उच्च क्वालिटी के बालू प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. बगैर उड़ाही किए डैम के स्टोरेज क्षमता को नहीं बढ़ाया जा सकता है.
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खनन विभाग को सौंपा गया जिम्मा
इस दौरान डीएम ने बालू निकालने को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की. डीएम ने कहा कि खनन विभाग को बालू निकालने का जिम्मा दिया गया है. इसको लेकर ऑक्शन भी किया जाना है. डैम से निकलने वाले बालू को स्टोर करने के लिए स्थल चिन्हित किया गया है. डैम से सटे ही जल संसाधन विभाग के जमीन पर बालू को डंप किया जाएगा. जंगली और पहाड़ी इलाका होने की वजह से थोड़ी समस्या आएगी. सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद किया जाएगा. हालांकि कुछ दिन पूर्व भी डीएम ने अधिकारियों के दल के साथ चंदन डैम के दूसरे भाग में जाकर जायजा लिया था. डैम से गाद उड़ाही को लेकर डीएम ने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए.
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मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं डैम का निरीक्षण
बता दें कि जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनवरी 2020 में चांदन डैम का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने चांदन डैम में भरे गाद की समस्या का समाधान करने को निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि इससे जिले के किसानों को काफी लाभ मिलेगा. चांदन डैम की यदि सफाई हो जाती है, तो इसकी स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ जाएगी. इस डैम से बांका के साथ-साथ भागलपुर जिले के किसानों को फायदा मिलता है. डैम की स्टोरेज क्षमता एक लाख क्यूसेक से अधिक है. लेकिन गाद जम जाने के कारण स्टोरेज क्षमता एक तिहाई से भी कम रह गई है.