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चांदन डैम के मुख्य कैनाल से निकलने वाली नहर का पक्का भाग ध्वस्त होने से लोगों को हो रही परेशानी - Farmers upset due to damage to main canal

बांका के चांदन डैम के मुख्य कैनाल ने निकलने वाली नहर का डक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे सिंचाई के लिये किसानों पर परेशानी हो रही है. खेतों तक पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. वहीं आवाजही को लेकर भी परेशानी हो रही है. पढ़ें पूरी खबर.

चांदन डैम के मुख्य कैनाल के नहर का पक्का भाग ध्वस्त
चांदन डैम के मुख्य कैनाल के नहर का पक्का भाग ध्वस्त
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Published : Oct 14, 2021, 3:01 PM IST

बांका: जिले के सबसे बड़े जलाशय चांदन डैम (Chandan Dam) से बांका (Banka) जिले के साथ-साथ भागलपुर (Bhagalpur) और झारखंड (Jharkhand) के गोड्डा (Godda) जिले के हजारों एकड़ भूमि सिंचित होती है. जलाशय से खेतों तक पानी ले जाने वाली मुख्य कैनाल के चेन संख्या 129 का डक्ट यानी नहर का पक्का भाग क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ उसपर बना पुल भी ध्वस्त हो ध्वस्त हो गया है. जिससे यातायात प्रभावित होने के साथ ही खेतों तक भरपूर मात्रा में पानी नहीं पहुंच रहा है.

ये भी पढ़ें:मूसलाधार बारिश में चांदन प्रखंड का जमुनी पुल ध्वस्त, 5 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित

खेत तक समुचित मात्रा में पानी नहीं पहुंचने से खेती प्रभावित हो रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब छह दशक पहले बने पुल और डक्ट के ध्वस्त होने से जहां बौंसी और बांका प्रखंड के नहर के मार्ग से कई गांव तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खेतों तक भरपूर मात्रा में सिंचाई के लिये पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है. जिससे खेतों में लगी धान की फसल को पानी नहीं मिल रहा है.

देखें वीडियो

डक्ट के क्षतिग्रस्त होने से फिलहाल उसे जुगाड़ के सहारे टिकाया गया है. जिसकी मरम्मती करने की तैयारी में सिंचाई विभाग प्रयासरत है. ग्रामीण पंकज यादव, पवन यादव सहित अन्य की मानें तो जबतक डक्ट सही सलामत था, तब तक पानी अपनी क्षमता के अनुसार छोड़ा जाता था लेकिन फिलहाल पहले की अपेक्षा पानी कम छोड़ा जा रहा है.

जिससे खेतों तक इस कैनाल के माध्यम से पानी सीमित मात्रा में ही पहुंचता है. वहीं पुल ध्वस्त होने से यातायात भी प्रभावित हो रहा है. आस-पास के किसानों की माने तो पुल ध्वस्त होने से क्षेत्र के किसानों को पटवन से लेकर आवाजाही तक में परेशानी हो रही है. इलाके के किसान इसे जल्द दुरुस्त करने का आग्रह कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें:आखिर कब रुकेगा मनरेगा योजना में लूट का सिलसिला, जांच के नाम पर मिल रहा सिर्फ आश्वसान

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खेत तक समुचित मात्रा में पानी नहीं पहुंचने से खेती प्रभावित हो रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब छह दशक पहले बने पुल और डक्ट के ध्वस्त होने से जहां बौंसी और बांका प्रखंड के नहर के मार्ग से कई गांव तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खेतों तक भरपूर मात्रा में सिंचाई के लिये पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है. जिससे खेतों में लगी धान की फसल को पानी नहीं मिल रहा है.

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डक्ट के क्षतिग्रस्त होने से फिलहाल उसे जुगाड़ के सहारे टिकाया गया है. जिसकी मरम्मती करने की तैयारी में सिंचाई विभाग प्रयासरत है. ग्रामीण पंकज यादव, पवन यादव सहित अन्य की मानें तो जबतक डक्ट सही सलामत था, तब तक पानी अपनी क्षमता के अनुसार छोड़ा जाता था लेकिन फिलहाल पहले की अपेक्षा पानी कम छोड़ा जा रहा है.

जिससे खेतों तक इस कैनाल के माध्यम से पानी सीमित मात्रा में ही पहुंचता है. वहीं पुल ध्वस्त होने से यातायात भी प्रभावित हो रहा है. आस-पास के किसानों की माने तो पुल ध्वस्त होने से क्षेत्र के किसानों को पटवन से लेकर आवाजाही तक में परेशानी हो रही है. इलाके के किसान इसे जल्द दुरुस्त करने का आग्रह कर रहे हैं.

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