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बांका: लॉकडाउन में बाहर निकला सांसद का रिश्तेदार, पुलिस ने पूछा तो पकड़ लिया कॉलर

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Published : Mar 27, 2020, 10:17 PM IST

बांका में लॉक डाउन को लेकर सांसद गिरधारी यादव के रिश्तेदार की पुलिस के साथ झड़प हो गई. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस अधिकारियों की लाइन हाजिर हो गई.

बांका
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बांका: कोरोना वायरस को लेकर हर जगह लॉक डाउन हो गया है. आए दिन पुलिस वालों की ओर से लॉक डाउन तोड़ रहे लोगों की पिटाई का मामला सामने आ रह है. ताजा मामला जिले के चांदन थाने का है. जहां सांसद के रिश्तेदार को लॉक डाउन समझाना पुलिस को महंगा पड़ गया.

दरअसल, बीते दिन चांदन थाना के अधिकारी गोपाल यादव, जिला पुलिस बल के जवान राजीव सिंह और चंदन सागर के साथ थाना गेट के पास मटरगश्ती कर रहे लोगों को लॉक डाउन का मतलब समझा रहे थे. पुलिस उन्हें लॉक डाउन को पालन करने को लेकर हिदायत दे रही थी. तभी वहां बांका के गोपडीह सांसद के गिरधारी यादव के रिश्तेदार का पुत्र अजीत कुमार लॉक डाउन के दौरान बाहर दिखें. इसके बाद पुलिस ने उन्हें लॉक डाउन के दौरान घर में रहने का आदेश दिया. लेकिन सांसद के रिश्तेदार इस बात पर पुलिस से उलझ गए.

पुलिस ने जब्त की बाइक
इसके बाद पुलिस ने सांसद के रिश्तेदार की बाइक जब्त कर ली. फिर गुस्से में युवक ने अपने पिता को फोन कर इस घटना का जानकारी दी. बात थाना तक पहुंच गई. बताया जाता है कि पुलिस ने सांसद के रिश्तेदार उमेश यादव ने पुलिस जवानों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए एक पुलिस कर्मी की कॉलर पकड़ ली. बताया ये भी जाता है कि ऐसी परिस्थिति मे पुलिस के जवानों ने सांसद के साले की जमकर खातिरदारी की. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण उच्चाधिकारी के आदेश पर पुलिस अधिकारी गोपाल यादव, जिला पुलिस बल के जवान चंदन सागर और राजीव सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया. लॉक डाउन उल्लंघन कर रहे सांसद के साले की पिटाई और इस मामले में पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल के जवानों को लाइन हाजिर कर देने के मामले को लेकर चांदन के कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

'पुलिस पर कार्रवाई गलत'
इस मामले को लेकर प्रमुख रविश कुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस महासंकट में अपने जान की परवाह किए बिना लॉक डाउन का पालन कराने वाले पुलिस पदाधिकारियों की कार्रवाई करना बेहद गलत है. उन्होंने कहा कि अगर नियम कानून का पालन कराने वाले पुलिस कर्मियों के साथ इस प्रकार का व्यहवार होगा, तो पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएगी और इसके गंभीर परिणाम आमलोगों को उठाना पड़ेगा.

'आमजनों के लिए काम कर रही पुलिस'
वहीं, पुर्व प्रमुख पलटन यादव ने बताया कि लॉक डाउन का पालन आमलोगों के साथ-साथ नेताओं को भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए बराबर है. लॉक डाउन का पालन कराने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. पहले मामले की जॉच किया जाना जरूरी था. वहीं, चांदन पंचायत के सरपंच गौतम कुमार दुबे ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को अनुचित बताते हुए लाइन हाजिर किए गए पुलिस कर्मियों को वापस भेजने की मांग की है.

बांका: कोरोना वायरस को लेकर हर जगह लॉक डाउन हो गया है. आए दिन पुलिस वालों की ओर से लॉक डाउन तोड़ रहे लोगों की पिटाई का मामला सामने आ रह है. ताजा मामला जिले के चांदन थाने का है. जहां सांसद के रिश्तेदार को लॉक डाउन समझाना पुलिस को महंगा पड़ गया.

दरअसल, बीते दिन चांदन थाना के अधिकारी गोपाल यादव, जिला पुलिस बल के जवान राजीव सिंह और चंदन सागर के साथ थाना गेट के पास मटरगश्ती कर रहे लोगों को लॉक डाउन का मतलब समझा रहे थे. पुलिस उन्हें लॉक डाउन को पालन करने को लेकर हिदायत दे रही थी. तभी वहां बांका के गोपडीह सांसद के गिरधारी यादव के रिश्तेदार का पुत्र अजीत कुमार लॉक डाउन के दौरान बाहर दिखें. इसके बाद पुलिस ने उन्हें लॉक डाउन के दौरान घर में रहने का आदेश दिया. लेकिन सांसद के रिश्तेदार इस बात पर पुलिस से उलझ गए.

पुलिस ने जब्त की बाइक
इसके बाद पुलिस ने सांसद के रिश्तेदार की बाइक जब्त कर ली. फिर गुस्से में युवक ने अपने पिता को फोन कर इस घटना का जानकारी दी. बात थाना तक पहुंच गई. बताया जाता है कि पुलिस ने सांसद के रिश्तेदार उमेश यादव ने पुलिस जवानों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए एक पुलिस कर्मी की कॉलर पकड़ ली. बताया ये भी जाता है कि ऐसी परिस्थिति मे पुलिस के जवानों ने सांसद के साले की जमकर खातिरदारी की. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण उच्चाधिकारी के आदेश पर पुलिस अधिकारी गोपाल यादव, जिला पुलिस बल के जवान चंदन सागर और राजीव सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया. लॉक डाउन उल्लंघन कर रहे सांसद के साले की पिटाई और इस मामले में पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल के जवानों को लाइन हाजिर कर देने के मामले को लेकर चांदन के कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

'पुलिस पर कार्रवाई गलत'
इस मामले को लेकर प्रमुख रविश कुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस महासंकट में अपने जान की परवाह किए बिना लॉक डाउन का पालन कराने वाले पुलिस पदाधिकारियों की कार्रवाई करना बेहद गलत है. उन्होंने कहा कि अगर नियम कानून का पालन कराने वाले पुलिस कर्मियों के साथ इस प्रकार का व्यहवार होगा, तो पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएगी और इसके गंभीर परिणाम आमलोगों को उठाना पड़ेगा.

'आमजनों के लिए काम कर रही पुलिस'
वहीं, पुर्व प्रमुख पलटन यादव ने बताया कि लॉक डाउन का पालन आमलोगों के साथ-साथ नेताओं को भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए बराबर है. लॉक डाउन का पालन कराने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. पहले मामले की जॉच किया जाना जरूरी था. वहीं, चांदन पंचायत के सरपंच गौतम कुमार दुबे ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को अनुचित बताते हुए लाइन हाजिर किए गए पुलिस कर्मियों को वापस भेजने की मांग की है.

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