बांका: नवटोलिया मदरसा ब्लास्ट (Banka Madarsa Blast) में आईडी ब्लास्ट (IED) व आतंकी कनेक्शन को डीएम सुहर्ष भगत व एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने सिरे से खारिज कर दिया है. मीडिया में तमाम तरह की खबरें आने के बाद गुरूवार को डीएम व एसपी ने समाहरणालय स्थित मिनी सभागार में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Joint Press Conference) कर जानकारी दी.
डीएम ने बताया कि ब्लास्ट की हर एंगल से जांच की जा रही है. एटीएस, आईबी सहित लोकल पुलिस हर पहलू को बारीकी से जांच कर रही है.
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'ब्लास्ट IED से नहीं'
अबतक की जांच में किसी प्रकार के आतंकी कनेक्शन को नकारते हुए बांका प्रशासन ने बताया कि- 'नूरी मस्जिद स्थित मदरसा रैयत जमीन पर चल रहा था. जिसका निबंधन भी नहीं कराया गया था. जमीन मालिक बुधन मियां हैं, इस मदरसे का संस्थापक मो. फारूख है, जबकि मो. इदरिश अंसारी व मो. अहमद मदरसा के सदरस्य हैं. मदरसा में मृतक मौलाना मो. मोमिन 50 से 60 बच्चों को तालिम देते थे. लॉकडाउन के दौरान मदसरा में बच्चों की तालीम बंद थी.'
देशी बम से हुआ ब्लास्ट
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि मदरसा में जो धमाका हुआ है, वो देशी बम से हुआ ब्लास्ट नजर आ रहा है. एटीएस व अन्य एजेंसी द्वारा जांच चल रही है कि कितनी संख्या में बम कंटेनर के अंदर रखा गया था. बम में किस-किस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है. जांच एजेंसी उसकी एक रिपोर्ट तैयार कर रही है.
'घटना स्थल से देशी बम की सुतली, कांच, कंटेनर का पार्ट सहित अन्य संदिग्ध वस्तु को बरामद किया गया है. आईडी बम में इस्तेमाल होने वाली किसी संदिग्ध वस्तु की बरामदगी नहीं हुई है, इसलिए देशी बम धमाका पर ही जांच को केन्द्रित किया जा रहा है'- अरविंद कुमार गुप्ता, एसपी, बांका
पूर्व में भी नवटोलिया और मजलिसपुर गांव के बीच हुई बमबाजी में जो साक्ष्य मिले थे, उससे भी बम का मिलान इस धमाके से किया जा रहा है. एफएसएल की टीम ने सैंपल कलेक्टर किया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लास्ट पर कुछ कहना ठीक होगा.
'कंटेनर में रखा था बम'
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि बम ब्लास्ट में मौलाना के मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी है. पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि मौलाना के शरीर पर विस्फोटक के निशान नहीं हैं. मौलाना विस्फोटक से दूर था और मदरसा के क्षतिग्रस्त हुए हिस्से से जख्मी हुआ था. उसके शरीर पर कई जगहों पर चोट थी. उन्होंने बताया कि घटना स्थल से कंटेनर के टुकड़े मिले हैं और बम उसी में छिपा का रखा गया था. बम धमाका कम क्षमता का था. इसलिए दीवार गिरी और छत जमींदोंज हो गयी.
'गिरफ्तारी के डर से गांव के पुरूष फरार'
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि पूर्व में हुए बम धमाके और मदरसा धमाका के कनेक्शन का मिलान किया जा रहा था. गांव के ज्यादातर पुरूष इसलिए फरार हो गये हैं कि कई लोगों पर पूर्व के मामलों में प्राथमिकी दर्ज है. गिरफ्तारी के डर से सभी फरार हो गये हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है. एसपी ने बताया कि जिस गाड़ी से मौलाना को मरने के बाद गांव में छोड़ दिया गया था, उसकी छानबीन में सफलता मिली है, जल्द वाहन व चालक को गिरफ्तार किया जाएगा.
ब्लास्ट की जगह से कैश बरामद
8 जून को मदरसे में हुए ब्लास्ट के बाद एटीएस, आईबी व स्थानीय पुलिस ने कई साक्ष्य इक्कठे किये हैं. इसी क्रम में पुलिस ने घटना स्थल से 1 लाख 65 हजार रूपये बरामद किया है. एसपी ने बताया कि ग्रामीणों व मृतक के भाई मो. इकबाल द्वारा बताया गया है कि मौलाना के बेटी के दिल में छेद है, और उसी के इलाज के लिए 3 लाख रूपये जमा किया था. जिसमें से यह रूपये बरामद किये गये हैं.
'मीडिया में जो खबरें चल रहीं हैं कि धमाका IED से हुआ है वो गलत है. एफएसएल की टीम ने सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए लैब में भेजा है. धमका कैसे हुआ ये कह पाना तब तक मुश्किल है जब तक कि रिपोर्ट नहीं आ जाती'- अरविंद कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, बांका
'ATS कर रही जांच'
एसपी के मुताबिक मौलवी के कमरे वाले हिस्से से 1 लाख 65 हजार रुपए बरामद हुए हैं. एटीएस (ATS) की टीम जांच कर रही है. मदरसा 3 महीने से बंद था और इसमें बच्चे की पढ़ने की जो बात सामने आी है वह गलत है. मदरसा बंद रहने के दौरान मौलवी का आना जाना लगा हुआ था.
मलबे को खंगालने में जुटी जांच टीम
हालांकि, एटीएस की टीम लगातार दूसरे दिन भी मदरसे के मलबे को खंगालने में जुटी हुई है. ब्लास्ट के तीसरे दिन गांव की कुछ ग्रामीण महिलाएं बाहर निकली और उन्होंने कहा कि पुलिस के डर से गांव के सभी पुरुष फरार है. गांव की महिलाओं ने अब ब्लास्ट को मजलिशपुर गांव के बीच हो रहे विवाद से भी जोड़ना शुरू कर दिया है.
''मदरसे में जोरदार ब्लास्ट हुआ था और आसमान में सफेद धुएं के बाद पूरी तरह से अंधेरा छा गया. यह पता नहीं चला कि मौलवी को किसने बाहर निकाला था. नवटोलिया और मजलिसपुर के बीच अवैध बालू खनन और परिवहन को लेकर लगातार गोलीबारी, बमबाजी और मारपीट की घटना होती रहती हैं.''- ग्रामीण महिलाएं
गांव के सभी पुरूष फरार
गांव की महिलाओं ने अब मजलिशपुर के ऊपर आरोप लगाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में बूला यादव का मर्डर हुआ था, जिसमें इस गांव के कई लोगों का नाम दे दिया गया है और पुलिस यहां लगातार बनी हुई है. जिसे लेकर यहां के पुरुष सहमे हुए हैं और गांव से फरार है. उन्हें डर है कि कहीं पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर लें.
मदरसे के मौलवी की मौत
गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. हालांकि, मदरसा ब्लास्ट मामले में मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन की मौत हो चुकी है. घटना के बाद मौलवी को पहले बाराहाट के रिगा और बौंसी होते हुए झारखंड ले जाने की योजना थी.
पुलिस कर रही छापेमारी
मौलवी का मोबाइल पुलिस ने सर्विलांस पर रखा था. अंतिम लोकेशन बंधुआ कुराबा थाना क्षेत्र था, जहां पर मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया था. कुछ लोग 400 मीटर की दूरी पर मौलाना के शव को छोड़कर फरार हो गए थे, हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. एसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन कर दिया गया है और संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.
''जांच चल रही है, कुछ सैंपल एकत्रित किए गए जगह हैं. हालांकि, विस्फोट हुआ है और वह कितने दिन से टीका है. ये बता पाना अभी मुश्किल है, पूरी जांच होने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है''- रंजीत कुमार सिंह, इंस्पेक्टर, एटीएस पटना
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जमींदोज मदरसे के मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन बरेलवी पंथ को मानता था. सूत्रों से खबर मिल रही है कि उसका कनेक्शन उत्तर प्रदेश के बरेली से था, लेकिन अब दिल्ली और बंगाल से भी कनेक्शन की बात सामने आ रही है. वह हादसे के बाद बंगाल भागने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस की दबिश के चलते ऐसा नहीं हो पाया.