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सुखनिया वाटर पंप से बौंसी वासियों की नहीं बुझ रही प्यास, खरीद कर पानी पीने को विवश हैं लोग

1995 में आई बाढ़ के बाद सुखनिया पंप पूरी तरह से बर्बाद हो गया. बाढ़ की चपेट में आने की वजह से पाइपलाइन भी उखड़ गया था. तभी से बौंसी वासी गंभीर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

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Published : Nov 22, 2019, 12:50 PM IST

बांका: बौंसी वासियों को पिछले 25 वर्षों से सुखनिया पंप से पेयजल नहीं मिल रहा है. इस कारण बौंसी वासी 15 से 20 रुपये में पानी खरीदकर पीने को विवश हैं. इस पंप को पुनर्जीवित करने के लिए टेंडर भी निकाला गया है, लेकिन आज तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

बाढ़ में टूटा सुखनिया पंप
दरअसल, 1995 में आई बाढ़ के बाद सुखनिया पंप पूरी तरह से बर्बाद हो गया. बाढ़ की चपेट में आने की वजह से पाइपलाइन भी उखड़ गया था. तभी से बौंसी वासी गंभीर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. गंदा पानी पीने के कारण लोग बीमार पड़ने लगे हैं. लेकिन प्रशासन के तरफ से अभी तक उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं प्रदान की गई है.

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1995 में आई बाढ़ में टूटा था पंप

पानी खरीद कर पीने को मजबूर लोग
बौंसी वासी लगातार पेयजल मुहैया कराने का मांग करते रहे हैं. लेकिन 25 वर्ष बाद भी बौंसी वासियों को 15 से 20 रुपए में पानी खरीद कर ही पीना पड़ रहा है. हरिनारायण सिंह और शंकर मित्रा के अनुसार 6 करोड़ से सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने टेंडर निकाला गया था. लेकिन इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं हो सका. स्थानीय लोगों ने बताया कि संवेदक काम करने के लिए आया भी था, लेकिन एक बार जो सामान गिराया उसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई. बौंसी में सड़क निर्माण के क्रम में पथ निर्माण विभाग द्वारा पाइप निकाल दिया गया.

सुखनिया वाटर पंप खराब होने से लोगों को हो रही दिक्कत

कार्य मे संवेदक दिखा रहे हैं सुस्ती
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने के लिए 6 करोड़ का टेंडर हुआ है. नदी में इंटेक वेल बनाकर लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाना है. इस मामले में संवेदक सुस्ती दिखा रहे हैं. पटना की कंपनी जीएलआर ट्रेडर्स समय रहते कार्य को पूरा नहीं किया गया तो संवेदक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी. साथ ही निविदा भी रद्द कर दी जाएगी और उनको ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले सके.

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बदहाल सुखनिया वाटर पंप
10 वार्डों को मुहैया कराया जाएगा पेयजल
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप से शुरुआती दौर में बौंसी के 10 वार्डों में पेयजल मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही सुखनिया पंप का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा.

बांका: बौंसी वासियों को पिछले 25 वर्षों से सुखनिया पंप से पेयजल नहीं मिल रहा है. इस कारण बौंसी वासी 15 से 20 रुपये में पानी खरीदकर पीने को विवश हैं. इस पंप को पुनर्जीवित करने के लिए टेंडर भी निकाला गया है, लेकिन आज तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

बाढ़ में टूटा सुखनिया पंप
दरअसल, 1995 में आई बाढ़ के बाद सुखनिया पंप पूरी तरह से बर्बाद हो गया. बाढ़ की चपेट में आने की वजह से पाइपलाइन भी उखड़ गया था. तभी से बौंसी वासी गंभीर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. गंदा पानी पीने के कारण लोग बीमार पड़ने लगे हैं. लेकिन प्रशासन के तरफ से अभी तक उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं प्रदान की गई है.

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1995 में आई बाढ़ में टूटा था पंप

पानी खरीद कर पीने को मजबूर लोग
बौंसी वासी लगातार पेयजल मुहैया कराने का मांग करते रहे हैं. लेकिन 25 वर्ष बाद भी बौंसी वासियों को 15 से 20 रुपए में पानी खरीद कर ही पीना पड़ रहा है. हरिनारायण सिंह और शंकर मित्रा के अनुसार 6 करोड़ से सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने टेंडर निकाला गया था. लेकिन इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं हो सका. स्थानीय लोगों ने बताया कि संवेदक काम करने के लिए आया भी था, लेकिन एक बार जो सामान गिराया उसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई. बौंसी में सड़क निर्माण के क्रम में पथ निर्माण विभाग द्वारा पाइप निकाल दिया गया.

सुखनिया वाटर पंप खराब होने से लोगों को हो रही दिक्कत

कार्य मे संवेदक दिखा रहे हैं सुस्ती
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने के लिए 6 करोड़ का टेंडर हुआ है. नदी में इंटेक वेल बनाकर लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाना है. इस मामले में संवेदक सुस्ती दिखा रहे हैं. पटना की कंपनी जीएलआर ट्रेडर्स समय रहते कार्य को पूरा नहीं किया गया तो संवेदक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी. साथ ही निविदा भी रद्द कर दी जाएगी और उनको ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले सके.

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बदहाल सुखनिया वाटर पंप
10 वार्डों को मुहैया कराया जाएगा पेयजल
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप से शुरुआती दौर में बौंसी के 10 वार्डों में पेयजल मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही सुखनिया पंप का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा.
Intro:बौंसी वासियों को पिछले 25 वर्षों से शुक्रिया पंप से पेयजल नहीं मिल रहा है। बौंसी वासी 15 से 20 रुपए में पानी खरीदकर पीने को विवश है। 1995 में आई बाढ़ के बाद सुखनिया पंप पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड चतुर्वेदी ने बताया कि छह करोड़ से सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने के लिए टेंडर हुआ है।


Body:बांका। सुखनिया पंप से बौंसी वासियों को पेयजल नहीं मिल रहा है। 1995 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद सिखनिया पंप पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। बाढ़ की चपेट में आने की वजह से पाइपलाइन भी उखड़ गया था। बौंसी वासी गंभीर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। खारा पानी पीकर लोग बीमार पड़ने लगे हैं। लगातार बौंसी वासी पेयजल मुहैया कराने का मांग करते रहे हैं। लेकिन 25 वर्ष बाद भी बौंसी वासियों को 15 से 20 रुपए में पानी खरीद कर ही पीना पड़ रहा है। टेंडर होने के बाद भी काम नहीं बढ़ा आगे बौंसी के रहने वाले हरिनारायण सिंह, शंकर मित्रा सहित अन्य ने बताया कि 6 करोड़ से शुक्रिया पंप को पुनर्जीवित करने क्या टेंडर हुआ। संवेदक काम करने के लिए आया भी। लेकिन एक बार जो सामान गिराया उसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई। बौंसी में सड़क निर्माण के क्रम में पथ निर्माण विभाग द्वारा पाइप निकाल दिया गया। बौंसी के लगभग 20 हजार लोग 15 से 20 रुपए में खरीद कर पानी पीने को विवश है। कार्य मे संवेदक दिखा रहे हैं सुस्ती पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप को पुनर्जीवित करने के लिए 6 करोड़ का टेंडर हुआ है। नदी में इंटेक वेल बनाकर लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाना है। इस मामले में संवेदक सुस्ती दिखा रहे हैं। पटना की कंपनी जीएलआर ट्रेडर्स समय रहते कार्य को पूरा नहीं किया गया तो संवेदक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निविदा भी रद्द कर दी जाएगी और उनको ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। ताकि किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले सके।


Conclusion:10 वार्डों को मुहैया कराया जाएगा पेयजल पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सुखनिया पंप से शुरुआती दौर में बौंसी के 10 वार्डों में पेयजल मुहैया कराया जाएगा। सुखनिया पंप का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। बाईट-1- हरि नारायण सिंह- बौंसी बाईट-2- शंकर मित्रा, बौंसी बाईट-3 - डेविड कुमार चतुर्वेदी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी बांका
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