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बांका: केवीके में 27 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक

अटारी पटना के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. अमरेंद्र कुमार ने कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं प्रसार के कार्य को करें. ताकि किसान इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सके.

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Published : Sep 20, 2020, 3:56 PM IST

बांका: कृषि विज्ञान केंद्र बांका में केवीके में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक कृषि विश्व विद्यालय सबौर के सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरएन सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रधान वैज्ञानिक अटारी पटना डाॅ. अमरेंद्र कुमार उपस्थित रहे. इस दौरान केवीके के अन्य वैज्ञानिकाें ने भी अपने-अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण और कृषक खेत पर परीक्षण भविष्य में किये जाने वाले कार्यो की जानकारी दी.

अटारी पटना के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. अमरेंद्र कुमार ने अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण और कृषक खेत पर परीक्षण और जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, निकरा, बायोटेक किसान हब के बारे में भी विस्तार से प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी. वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रसार के कार्य को करें. ताकि किसानों इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सके. वहीं, सह निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ. आरएन सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि के नई-नई तकनीकों को किसानों के बीच पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छा कार्य कर रहा है. खासकर पशुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे नये-नये प्रयोग सराहनीय है.

Scientific Advisory Committee
खेतों का जायजा लेते वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य

800 एकड़ में लगवाया गया है लेमनग्रास
कृषि विज्ञान केंद्र बांका के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में तीन माह के अंदर 800 एकड़ में लेमनग्रास लगवाया गया है. कृषि विज्ञान केन्द्र की नई तकनीक किसानों के पास पहुंच रही है और किसान इससे लाभान्वित भी हाे रहे है. विभाग की योजनाओं को अपने क्षेत्र में प्रोत्साहित कर किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. लेमनग्रास प्रोसेसिंग की मशीन पर दो लाख रुपए की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है, जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं.

बांका: कृषि विज्ञान केंद्र बांका में केवीके में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक कृषि विश्व विद्यालय सबौर के सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरएन सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रधान वैज्ञानिक अटारी पटना डाॅ. अमरेंद्र कुमार उपस्थित रहे. इस दौरान केवीके के अन्य वैज्ञानिकाें ने भी अपने-अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण और कृषक खेत पर परीक्षण भविष्य में किये जाने वाले कार्यो की जानकारी दी.

अटारी पटना के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. अमरेंद्र कुमार ने अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण और कृषक खेत पर परीक्षण और जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, निकरा, बायोटेक किसान हब के बारे में भी विस्तार से प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी. वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रसार के कार्य को करें. ताकि किसानों इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सके. वहीं, सह निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ. आरएन सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि के नई-नई तकनीकों को किसानों के बीच पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छा कार्य कर रहा है. खासकर पशुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे नये-नये प्रयोग सराहनीय है.

Scientific Advisory Committee
खेतों का जायजा लेते वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य

800 एकड़ में लगवाया गया है लेमनग्रास
कृषि विज्ञान केंद्र बांका के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में तीन माह के अंदर 800 एकड़ में लेमनग्रास लगवाया गया है. कृषि विज्ञान केन्द्र की नई तकनीक किसानों के पास पहुंच रही है और किसान इससे लाभान्वित भी हाे रहे है. विभाग की योजनाओं को अपने क्षेत्र में प्रोत्साहित कर किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. लेमनग्रास प्रोसेसिंग की मशीन पर दो लाख रुपए की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है, जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं.

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