अररियाः भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) से सटे जिले के नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के मानिकपुर पंचायत में गुरुवार को एक जंगली हाथी (Wild Elephant) नेपाल से भटक कर घुस आया. जंगली हाथी के आने के कारण नेपाल बॉर्डर के घूरना, मानिकपुर और सोनापुर गांव में कोहराम मचा हुआ है. जंगली हाथी के कुचलने के कारण एक 10 वर्षीय बच्चे और एक अन्य बच्ची की मौत हो गई है.
हाथी के कुचलने से 2 मासूमों की मौत
इलाके में हाथी के घुस आने की खबर के बारे में बताते हुए गांव के लोग कहते हैं कि जंगल से भटक कर आए हाथी ने कई लोगों पर हमला किया है. हाथी ने लोगों की खेत और घरों को भी क्षति पहुंचाई है. मानिकपुर वार्ड संख्या 15 निवासी राजू महतो के 7 वर्षीय बेटे छोटू कुमार और एक बच्ची की कुचलने से मौत हो गई. कई अन्य लोगों के भी घायल होने की खबर है.
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गांव में दहशत, बाजार बंद
क्षेत्र में जंगली हाथी के घुस आने और तांडव मचाने के बाद दहशत का माहौल हैं. गजराज ने गांव के दर्जनों घर, ट्रैक्टर, थ्रेशर और अन्य सामानों को क्षति पहुंचाई है. दो मासूम बच्चों की मौत हो गई है. लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं.
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मौके पर पहुंचे अधिकारी
जानकारी के अनुसार भारत सीमा से लगे खेत-खलिहानों में हाथी दिखने की सूचना जैसे ही गांव वालों को लगी, खबर जंगल के आग की तरह फैल गई. लोगो की भीड़ भी हाथी को देखने के लिए उमड़ पड़ी. ऐसे में मौके पर पहुंचे फुलकाहा थाना अध्यक्ष हरेश तिवारी एवं एसएसबी कैंप प्रभारी एसआई दुर्गेश ने लोगों के भीड़ को हटाया और हाथी को भारतीय इलाके से निकालने का असफल प्रयास भी किया.
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हाथी को भारतीय इलाके से निकालने में लगा हैं फॉरेस्ट विभाग
इसके बाद उन्होंने फॉरेस्ट विभाग बथनाहा और अररिया को हाथी की मौजूदगी की सूचना दी. सूचना पर जिले के फॉरेस्ट पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. साथ ही लोगों को भीड़ लगाने से मना किया.
फॉरेस्ट विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अंधेरा होने के बाद आग का लुक्का और बंदूक की आवाज से हाथी को निकालने की कोशिश जारी है. समाचार लिखे जाने तक एसएसबी, पुलिस और फॉरेस्ट विभाग की टीम हाथी को काबू में करने व उसे गांव से बाहर ले जाने में लगे हुए थे.