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अररियाः चर्चित हत्याकांड में 3 लोगों को सजा-ए-मौत और 7 को आजीवन कारावास की सजा - अभियोजक प्रभा कुमारी

8 दिसंबर को मो. शमशाद के दरवाजे पर गलत तरीके से भीड़ इकट्ठा हुई थी. जहां हथियार से लैस अपराधियों ने अंधाधुंध गोली चलाई थी. जिसमें वाहिद को गोली लग गई और मौके पर ही मौत हो गई थी.

सिविल कोर्ट
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Published : Nov 16, 2019, 9:21 PM IST

अररियाः सिविल कोर्ट ने शनिवार को जिले के एक चर्चित हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है. इसमें तीन लोगों को फांसी और सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है. इस दोहरे हत्याकांड का फैसला एडीजे रमन कुमार ने दिया. दोषी ने दोनों की गोली मारकर हत्या की थी. दोनों मृतक एक ही परिवार से थे. हत्या अलग-अलग वक्त में किया गया था.

बता दें कि पूरा मामला जिले के नरपतगंज स्थित बैरिया गांव का है. जहां वाहिद नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में सहयोग करने वाले सात को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है. जबकि मो. इरशाद, मो. तबरेज़ और मो. दिलशाद को सजा-ए-मौत की सजा दी गई है.

araira
अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी

परिवार की महिला की भी हो चुकी है हत्या
अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले भी मो. इरशाद, मो. तबरेज़ और मो. दिलशाद ने वाहिद के परिवार की महिला ख़ुशरूबा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तीनों हत्या के आरोप में उम्रकैद की सज़ा काट चुके हैं. जिन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. उसमें मो. हसीब, मो. कारी, मो. शम्स नूर, मो. फ़ारूक़, मो. ताजुद्दीन, मो. ज़हीर और शाहे कमाल है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंः प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का चला 'चाबुक', आयुर्वेदिक कॉलेज समेत 219 संस्थानों को बंद करने का आदेश

फायरिंग में हुई थी वाहिद की मौत
मामला नरपतगंज के बरैया गांव के 8 दिसंबर 2013 का है. घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है. 8 दिसंबर को मो. शमशाद के दरवाजे पर गलत तरीके से भीड़ इकट्ठा हुई थी. जहां हथियार से लैस अपराधियों ने अंधाधुंध गोली चलाई थी. जिसमें वाहिद को गोली लग गई और मौके पर ही मौत हो गई थी.

अररियाः सिविल कोर्ट ने शनिवार को जिले के एक चर्चित हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है. इसमें तीन लोगों को फांसी और सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है. इस दोहरे हत्याकांड का फैसला एडीजे रमन कुमार ने दिया. दोषी ने दोनों की गोली मारकर हत्या की थी. दोनों मृतक एक ही परिवार से थे. हत्या अलग-अलग वक्त में किया गया था.

बता दें कि पूरा मामला जिले के नरपतगंज स्थित बैरिया गांव का है. जहां वाहिद नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में सहयोग करने वाले सात को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है. जबकि मो. इरशाद, मो. तबरेज़ और मो. दिलशाद को सजा-ए-मौत की सजा दी गई है.

araira
अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी

परिवार की महिला की भी हो चुकी है हत्या
अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले भी मो. इरशाद, मो. तबरेज़ और मो. दिलशाद ने वाहिद के परिवार की महिला ख़ुशरूबा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तीनों हत्या के आरोप में उम्रकैद की सज़ा काट चुके हैं. जिन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. उसमें मो. हसीब, मो. कारी, मो. शम्स नूर, मो. फ़ारूक़, मो. ताजुद्दीन, मो. ज़हीर और शाहे कमाल है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

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फायरिंग में हुई थी वाहिद की मौत
मामला नरपतगंज के बरैया गांव के 8 दिसंबर 2013 का है. घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है. 8 दिसंबर को मो. शमशाद के दरवाजे पर गलत तरीके से भीड़ इकट्ठा हुई थी. जहां हथियार से लैस अपराधियों ने अंधाधुंध गोली चलाई थी. जिसमें वाहिद को गोली लग गई और मौके पर ही मौत हो गई थी.

Intro:सिविल कोर्ट के एडीजे रमन कुमार ने दोहरे हत्याकांड में तीन को मौत व सात को आजीवन कारावास का सज़ा सुनाया है। मामला ज़िले के नरपतगंज के बैरिया गांव का है जब हत्या आरोपी, मो. इरशाद, मो. तबरेज़ व मो. दिलशाद को उसी परिवार की महिला ख़ुशरूबा की गोली मारकर हत्या की गई थी जिसमें ये तीनों पहले से ही आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे थे फ़िर वाहिद की हत्या भी इन्हीं लोगों ने किया जिसमें आज मौत की सज़ा इन तीनों को सुनाया गया है। दोनों हत्या गोली मारकर किया गया था और दोनों मृतक एक ही परिवार से थे। हत्या अलग अलग वक़्त में किया गया था।


Body:अररिया के इतिहास का आज सबसे बड़ा दिन हुआ जब सिविल कोर्ट एडीजे रमन कुमार ने हत्या के एक मामले में 10 आरोपियों में से तीन आरोपी को वाहिद नामक युवक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था और बाक़ी को हत्या के सहयोग में सात को आजीवन कारावास का सज़ा सुनाया है। इससे पहले भी तीनों युवक को उसी परिवार की एक महिला ख़ुशरूबा को गोली मारकर हत्या करने के आरोप में उम्र क़ैद की सज़ा काट चुका था। आजीवन कारावास के आरोपी मो. हसीब, मो. कारी, मो. शम्स नूर, मो. फ़ारूक़, मो. ताजुद्दीन, मो. ज़हीर और शाहे कमाल है। मामला नरपतगंज के बरैया गांव 8 दिसंबर 2013 का है। घटना के कारण का पता नहीं चल सका है इस तारीख़ को मो. शमशाद के दरवाज़े पर ग़लत तरीके से मजमा लगाकर हथियार से लैश सभी आरोपी अंधाधुन गोलियां चलाने लगे जिससे इसके भाई वाहिद को गोली लगा और मौक़े पर ही मौत हो गई।


Conclusion:संबंधित विसुअल
बाइट अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी
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