अररियाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ से ऐतिहासिक सुंदरी मठ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अनावरण किया. जिसे पूरे देश ने लाइव देखा. साथ ही प्रधानमंत्री ने कुर्साकांटा प्रखंड स्थित सुंदरी मठ शिव पार्वती मंदिर को भी सर्किट से जोड़ा. जिसके बाद यहां के लोगों की उम्मीद जगी है कि सीमांचल का एकमात्र सुंदरी मठ अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा.
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शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने केदारनाथ से कार्यक्रम की शुरुआत की. पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये मठ के मंदिर और शिवलिंग का दर्शन किया. इस दौरान पीएम ने मंदिर परिसर में मौजूद लोगों को संबोधित भी किया. इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम को संस्कृति में संबोधित किया है. इससे पूरे देश को गर्व महसूस कराया है.
सुंदरी मठ कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी पहुंचे थे. साथ ही पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा, विधायक विजय खेमका, नरपतगंज विधायक जयप्रकाश यादव, फारबिसगंज विधायक विद्यासागर केसरी, मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष व सिकटी विधानसभा के विधायक विजय कुमार मंडल, विधान पार्षद दिलीप जायसवाल के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता मौजूद थे. इस कार्यक्रम में कई महंत पुजारियों को भी सम्मानित किया गया.
दरअसल बिहार के उन 17 जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां आदि गुरु शंकराचार्य का आगमन हुआ था. इसी को लेकर पूरे देश के मंदिरों को चिन्हित कर इसे एक सर्किट के रूप में जोड़ा जा रहा है. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों को पास के माध्यम से मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी. मंदिर और आसपास के इलाके में सुरक्षा और यातायात की पूरी व्यवस्था की गई थी.
बता दें कि सुंदरी मठ का इतिहास काफी पुराना रहा है. भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित इस मंदिर में माता कुंती पूजा किया करती थीं. उस समय राजा विराट थे, जिसके नाम पर वर्तमान में नेपाल का शहर विराटनगर है. मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा है, उसी वक्त से इस मंदिर की अलग पहचान है. जिसका जीर्णोद्धार कर कायाकल्प किया जा रहा है. इसकी तैयारी जोरों पर है. सीमांचल के इस सुंदरी मठ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी योजना है.
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