अररिया: लोकतंत्र का पर्व नजदीक आते ही नेताओं के दौरे गली-कस्बों में तेज होने लगते हैं. तमाम वादे करते और सपने दिखाते नेता अंत में लोगों को केवल निराशा थमा देते हैं. सालों से कुछ ऐसी ही निराशा अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के भोड़हा पंचायत के लोग झेल रहे हैं.
इनका कहना है कि हम अपनी जिम्मेवारी समझते हुए हर चुनाव में मतदान करते हैं. लेकिन, उससे हमें कुछ हासिल नहीं हो रहा है. ये लोग मानते हैं कि नेता इन्हें जाति-धर्म के नाम पर बांट रहे हैं. वास्तविक मुद्दे नेताओं के भाषणों से गायब हैं.
बद से बदत्तर हैं हालात
बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर रानीगंज प्रखंड के भोड़हा पंचायत के सैकड़ों परिवारों में लड़कियों की शादी नहीं हो रही है. बरसात के मौसम में बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है. ना गांव में बिजली है ना ही पीने का साफ पानी है. गांव के ज्यादातर युवा बेरोजगार हैं. उन्हें नौकरी नहीं मिल रही, वे खेती कर जिन्दगी गुजारने को मजबूर हैं. किसानों को अनाज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है.
इस चुनाव में सबक सिखाएंगे
गांव वासी नेताओं से काफी आक्रोशित हैं. यहां के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. इन्हें जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. ऐसे में यहां की जनता ने इस बार इन प्रतिनिधियों को सबक ठिकाने की ठानी है. उन्होंने कहा है कि इस महीने के 23 अप्रैल को वोट कर हम जनप्रतिनिधियों के होश ठिकाने लाएंगे.