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बिहार में बाढ़ का कहर, अररिया में रेलवे स्टेशन बना ग्रामीणों का ठिकाना - social issue

जिले के कुल पांच प्रखंड जोगबनी, कुर्साकांटा, सिकटी, पालसी, और जोकीहाट बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं. जोगबनी प्रखंड के लोग रेलवे स्टेशन पर जिंदगी बिताने को मजबूर हैं.

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Published : Jul 13, 2019, 11:08 PM IST

अररिया: बिहार में हो रही लगातार बारिश से कई जिलों में नदियां पूरे उफान पर है. वहीं, बात करें तो अररिया की तो यहां उफनाई नदियों ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद फारबिसगंज जोगबनी प्रखंड के कई गांव में पानी भरा हुआ है. इसके चलते लोग रेलवे स्टेशन को ही अपना आशियाना बनाने पर मजबूर हैं.

अररिया में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है. लोगों की मांग है कि प्रशासन उन्हें आने जाने के लिए नाव मुहैया कराए. दूसरी तरफ बाढ़ की स्थिति में लोगों ने पलायन करना भी शुरू कर दिया है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति और दयनीय है.

हम लोगों को कोई सहारा नहीं देता- ग्रामीण महिला

जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
कई जगह ऐसी है, जहां के लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क ही टूट चुका है. लोग रेलवे स्टेशन पर मवेशी लेकर रहने को मजबूर हैं. वहीं, इन्हें अभी तक कोई प्रशासनिक मदद भी नहीं मिली है. बता दें कि जिले के कुल पांच प्रखंड जोगबनी, कुर्साकांटा, सिकटी, पालसी, और जोकीहाट बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं. रात को बाढ़ का पानी ज्यादा आ जाने से जोगबनी स्टेशन का रेलवे ट्रैक भी डूब चुका था. हालांकि, सुबह होते ही पानी कम हो गया.

अररिया: बिहार में हो रही लगातार बारिश से कई जिलों में नदियां पूरे उफान पर है. वहीं, बात करें तो अररिया की तो यहां उफनाई नदियों ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद फारबिसगंज जोगबनी प्रखंड के कई गांव में पानी भरा हुआ है. इसके चलते लोग रेलवे स्टेशन को ही अपना आशियाना बनाने पर मजबूर हैं.

अररिया में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है. लोगों की मांग है कि प्रशासन उन्हें आने जाने के लिए नाव मुहैया कराए. दूसरी तरफ बाढ़ की स्थिति में लोगों ने पलायन करना भी शुरू कर दिया है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति और दयनीय है.

हम लोगों को कोई सहारा नहीं देता- ग्रामीण महिला

जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
कई जगह ऐसी है, जहां के लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क ही टूट चुका है. लोग रेलवे स्टेशन पर मवेशी लेकर रहने को मजबूर हैं. वहीं, इन्हें अभी तक कोई प्रशासनिक मदद भी नहीं मिली है. बता दें कि जिले के कुल पांच प्रखंड जोगबनी, कुर्साकांटा, सिकटी, पालसी, और जोकीहाट बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं. रात को बाढ़ का पानी ज्यादा आ जाने से जोगबनी स्टेशन का रेलवे ट्रैक भी डूब चुका था. हालांकि, सुबह होते ही पानी कम हो गया.

Intro:लगातार हो रही बारिश से नादिया उफ़ान पर और लोगों का जीना हुआ बेहाल, रेलवे स्टेशन का लिया सहारा नहीं मिला कोई भी आधिकारिक मदद। ज़िले में कई जगह सड़क के ऊपर पानी बह रहा है। नेपाल के कुसेल से छोड़े गए पानी के बाद फारबिसगंज जोगबनी प्रखंड के कई गांव में घुसा पानी, लोगों को करना पड़ रहा है भारी दिक्कत का सामना।


Body:अररिया में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों ने सरकार से मदद का गुहार लगाया है ताकि इस मुसीबत से बचा जा सके, आने जाने के लिए नाव का व्यवस्था किया जाए। बिहार के सीमांचल हिस्से में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए आफ़त बनी हुई है।बाढ़ का पानी ज़िले के कई ग्रामीण इलाकों में घुस चुका है लोग अपना घर छोड़ पलायन कर दूसरे जगह जा कर रहने को मजबूर हैं। कहीं सड़कें टूट गई कहीं बह गई तो कई जगह ऐसे है जहां के लोगों का ज़िला मुख्यालय से संपर्क ही टूट चुका है। लोग रेलवे स्टेशन पर मवेशी लेकर आ चुके हैं कोई भी मदद अभी तक नहीं मिल सका है। ज़िले के पांच प्रखंड बाढ़ से ज़्यादा प्रभवित है। जोगबनी, कुर्साकांटा, सिकटी, पालसी, और जोकीहाट है। रात को बाढ़ का पानी ज़्यादा आ जाने से जोगबनी स्टेशन का रेलवे ट्रैक भी डूब चुका था हालांकि सुबह होते हुए पानी निकल गया और लोकल परिचालन जो बाधित हुआ था उसे फ़िर से सुचारू रूप से चलाया गया है।


Conclusion:संबंधित विसुआल वॉइस ओवर के साथ
बाइट लोगों का स्टेशन पर शरण लेने वाले
पीटीसी
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