अररिया: बिहार के अररिया में किसी भी तरह की आपात स्थिति में आने के पूर्व लोगों को सचेत और जागरूक करने हेतु अररिया जिला अंतर्गत जोगबनी थाना, फारबिसगंज थाना, सिकटी थाना, पलासी थाना, कुआडी थाना और अररिया थाना में कुल 6 स्थानों पर सायरन लगाया गया है. सभी सायरन के सुचारू रूप से कार्य करने हेतु मॉक ड्रिल का संचालन समय-समय पर किया जाना आवश्यक है.
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बता दें कि मॉक ड्रिल का आयोजन 22 जून को 8 बजे शाम में निर्धारित किया गया है. सायरन का संचालन जिला पदाधिकारी को प्राप्त किसी आपात स्थिति की सूचना के उपरांत जन समूह को सावधान करने हेतु किया जाएगा. सायरन का उपयोग खासकर बाढ़ आपदा की स्थिति के पूर्व लोगों को सचेत तथा जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
पदाधिकारियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
सायरन की उपयोगिता के महत्व के संबंध में लोगों को पहले से जानकारी दिया जाना आवश्यक है, ताकि सायरन के बजने से लोगों के बीच अराजकता की स्थिति पैदा ना हो. इसलिए स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक संस्थाओं तथा स्थानीय थानेदारों और संबंधित पदाधिकारियों को पूर्व से ही प्रशिक्षित किया गया है. जिसे आपदा प्रबंधन प्रशाखा और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से संपादित किया गया है.
लोगों को जागरूक होना आवश्यक
बता दें कि जिलाधिकारी द्वारा सायरन बजाने का मॉकड्रिल प्रत्येक 6 माह में किए जाने हेतु पूर्व से निर्देशित किया गया है. साथ ही साथ बाढ़ आपदा की स्थिति की सायरन बजाने हेतु एक 1-1 मिनट के समय अंतराल पर 5-5 मिनट के लिए तीन बार ही उपयोग किया जाएगा. सायरन के मॉकड्रिल के पूर्व इसके बारे में आम लोगों को जागरूक होना आवश्यक है.
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जागरूक करने का दायित्व
सायरन की देखभाल की जिम्मेदारी स्थानीय थाना और अंचलाधिकारी को दी गई है. सायरन का उपयोग बिना अनुमति के किया जाना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. उक्त कार्य हेतु आपदा प्रशाखा और स्थानीय प्रशासन को समय-समय पर स्थानीय लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने का दायित्व दिया गया है.