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अररिया: कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने मनाया काला दिवस - कृषि कानून के विरोध में ब्लैक डे

कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसान सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में अररिया में विभिन संगठनों ने किसान कानून के विरोध में काला झंडा फहराकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

अररिया
किसानों ने मनाया काला दिवस
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Published : May 26, 2021, 8:23 PM IST

अररिया: केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर किसानों ने आज ब्लैक डे मनाया. इसी क्रम में बुधवार को जिला कमेटी के सदस्यों ने फारबिसगंज, नरपतगंज, पलासी, अररिया आर एस, स्टेशन रोड सहित दर्जनों जगहों पर काला झंडा फहरा कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया.

ये भी पढ़ें...पंचायत स्तर पर किसान काउंसिल ने सरकार के खिलाफ निकाला विरोध मार्च

सरकार किसानों की मांगों की कर रही अनदेखी
सीपीआई के जिला सचिव मंत्री डॉ एसआर झा ने कहा कि किसान आंदोलन को छह महीने बीत जाने के बावजूद सरकार किसानों की मांगों को अनदेखी कर रही है. लोगों को कोविड महामारी से बचाने में भी सरकार पूरी तरह से असफल है. इसलिए यह सरकार हर मुद्दे पर फेल हो गई है.

ये भी पढ़ें...संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस को RJD का

काला झंडा फहराकर किया विरोध प्रकट
इस आंदोलन का समर्थन कर रहे जन जागरण शक्ति संगठन ने भी इस काला कानून का विरोध किया. दरअसल, किसान पिछले छह महीने से आंदोलन कर इसपर लिखित कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बिहार के आवाहन पर जन जागरण शक्ति संगठन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम, सीपीआई एमएल, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय सहित कई अन्य संगठनों के लोग काला झंडा फहरा कर अपना विरोध प्रकट किया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध
बता दें कि संसद ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि विधेयक पारित किये थे, जो बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए थे. इन कानूनों के खिलाफ किसान हरियाणा से लगे सिंधु और टीकारी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश से सटे गाजीपुर बॉर्डर समेत कई स्थानों पर आंदोलन कर रहे थे.

अररिया: केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर किसानों ने आज ब्लैक डे मनाया. इसी क्रम में बुधवार को जिला कमेटी के सदस्यों ने फारबिसगंज, नरपतगंज, पलासी, अररिया आर एस, स्टेशन रोड सहित दर्जनों जगहों पर काला झंडा फहरा कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया.

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सरकार किसानों की मांगों की कर रही अनदेखी
सीपीआई के जिला सचिव मंत्री डॉ एसआर झा ने कहा कि किसान आंदोलन को छह महीने बीत जाने के बावजूद सरकार किसानों की मांगों को अनदेखी कर रही है. लोगों को कोविड महामारी से बचाने में भी सरकार पूरी तरह से असफल है. इसलिए यह सरकार हर मुद्दे पर फेल हो गई है.

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काला झंडा फहराकर किया विरोध प्रकट
इस आंदोलन का समर्थन कर रहे जन जागरण शक्ति संगठन ने भी इस काला कानून का विरोध किया. दरअसल, किसान पिछले छह महीने से आंदोलन कर इसपर लिखित कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बिहार के आवाहन पर जन जागरण शक्ति संगठन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम, सीपीआई एमएल, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय सहित कई अन्य संगठनों के लोग काला झंडा फहरा कर अपना विरोध प्रकट किया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध
बता दें कि संसद ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि विधेयक पारित किये थे, जो बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए थे. इन कानूनों के खिलाफ किसान हरियाणा से लगे सिंधु और टीकारी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश से सटे गाजीपुर बॉर्डर समेत कई स्थानों पर आंदोलन कर रहे थे.

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