अररिया: जिले के किसानों को मक्का बीज का कोई सरकारी दाम फिक्स नहीं होने के कारण किसानों को प्रिंट मूल्य से ड़ेढ गुना ज़्यादा मूल्य पर मक्का खरीदना पड़ रहा है. जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दुकानदारों का कहना है कि कई तरह के मक्के का बीज हैं उसके अलग अलग दाम हैं. इसका जिलाधिकारी ने मूल्य तय कर रखा है. वहीं दाम लिया जाता है.
मक्के की खेती में मंहगाई
महंगाई का मार अब मक्का किसानों पर भी पड़ने लगा है, जिले में मक्के की खेती को लेकर किसान बहुत ज़्यादा परेशान और चिंतित हैं. किसान रंजीत कुमार ने बताया कि मक्के का बीज का दाम खुदरा बाज़ार में मनमर्जी दाम पर बिक रहा है. ये परेशानी इसलिए है कि यहां कि ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो मक्का के अलावा किसी दूसरे चीज़ की खेती नहीं कर पाते हैं.
'दाम के अनुसार ही बेच रहे हैं बीज'
खुदरा मक्का बीज विक्रेता ने बताया कि यहां कई तरह के मक्के का बीज है उसके अलग अलग दाम है. जो प्रिंट रेट है उतने में ही बेचते हैं जो जिलाधिकारी ने मूल्य तय कर रखा है. उन्होंने यह भी बताया कि 12 महीने इसकी खेती की जाती है. लेकिन टेम्परेचर 6 डिग्री सी से नीचे ना हो और 32 डिग्री सी से ऊपर ना हो अन्यथा पोलीनेशन नहीं हो पाएगी.
किसानों ने नहीं की शिकायत
जिप अध्यक्ष अफताब अजीम ने बताया कि बीज को लेकर किसानों की ओर से कोई शिकायत अभी तक नहीं आई है. वहीं उन्होंने कहा कि वैसे किसानों को भी सचेत रहने की जरुरत है. लेकिन यदि कोई किसान इसकी शिकायत करता है तो कार्रवाई की जाएगी.