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अररिया: इंजन ट्रायल के 18 महीनों बाद भी नहीं चल सकी ट्रेन, लोगों में मायूसी - Engine not inaugurated even after 18 months of trial

बीते 4 नवंबर 2018 को रेल इंजन का ट्रायल बथनाहा से नेपाल के बुद्धनगर स्टेशन तक किया गया था. इससे लोगों में काफी खुशी थी. लेकिन इतने दिनों के बाद भी ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से लोगों में मायूसी है.

Inauguration could not take place even after 18 months of engine trial on Bathnaha to Viratnagar rail line
बथनाहा स्टेशन पर खड़ी माल ट्रेन
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Published : Jul 5, 2020, 5:12 PM IST

अररिया(फारबिसगंज): जिले में बथनाहा-विराटनगर रेल लाइन पर इंजन ट्रायल के 18 महीने बाद भी उद्घाटन नहीं हो सका है. इससे लोगों में निराशा है. वहीं, बथनाहा-विराटनगर रेल परिचालन शुरू होने से दोनों देशों के बीच रिश्तों में मजबूती और व्यापार में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

बता दें कि भारत नेपाल सीमा के बीच 28 जनवरी 2011 को इरकॉन के जीएम बी सरकार ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू किया था. जिसके 8 साल के लंबे समय के बाद बथनाहा से बुद्धनगर तक रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया गया. 18 मई 2018 को परियोजना के निर्माण कार्य का जायजा लेने मालेगांव महाप्रबंधक एनके प्रसाद पूरी टीम के साथ बथनाहा आए थे. इस मौके पर उन्होंने इरकॉन के अधिकारियों को निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था. वहीं, उन्होंने बथनाहा बिराटनगर (नेपाल) रेल परियोजना के निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे इरकॉन के जेजीएम अश्वनी कुमार और रेलवे के अधिकारियो को 31 अक्टूबर 2018 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा कर अंतराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत पटरी पर रेल दौड़ने का लक्ष्य दिया. लेकिन बथनाहा से विराटनगर के बीच रेल लाइन पर पहली बार 4 नवंबर 2018 को रेल इंजन का ट्रायल बथनाहा से नेपाल के बुद्धनगर स्टेशन तक किया गया.

Inauguration could not take place even after 18 months of engine trial on Bathnaha to Viratnagar rail line
बथनाहा स्टेशन पर खड़ी माल ट्रेन

सेकेंड फेज में नेपाल के विराटनगर तक रेल का परिचालन
इसके अलावे महाप्रबंधक ने इरकॉन के जेजीएम अश्वनी कुमार और रेलवे के अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा था कि प्रथम फेज में 0 से 8 किमी यानी बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड (बुधनगर) तक रेल परिचालन किया जाए. वहीं, दूसरे फेज में नेपाल के बुधनगर से बिराटनगर तक रेल का परिचालन किए जाएं. बताया जा रहा है कि बथनाहा से विराटनगर तक लगभग 370 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रेल परियोजना का काम नेपाल के बुद्धनगर तक पूरी हो चुकी है. वहीं, बुद्धनगर से विराटनगर यार्ड के बीच निर्माण का मामला भूमि अधिग्रहण की पेंच में फंसा हुआ है. जहां जमीन के मालिकों ने मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट में केस दायर कर दिया है. हालांकि नेपाल के लोवर कोर्ट ने जजमेंट जमीन मालिकों के पक्ष में दिया है. लेकिन नेपाल सरकार ने लोवर कोर्ट के जजमेंट को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जिससे सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट आने तक विराटनगर यार्ड और स्टेशन के निर्माण का कार्य बाधित है.

रेल इंजन ट्रायल से थी दोनों देश के लोगों में खुशी
इस अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत भारत और नेपाल के बीच कई स्थानों पर निर्माणाधीन रेल लाइन की समीक्षा दोनों देशों के प्रधानमंत्री की ओर से कई बैठकों में की गई है. वहीं, बथनाहा से विराटनगर के बीच पहली बार रेलखंड पर रेल इंजन का ट्रायल होने से दोनों देशों के लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई थी. सामरिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नेपाल के व्यापारियों को भारत के रास्ते सस्ता और सुलभ तरीके से कच्चा माल और अन्य सामग्रियों की आपूर्ति हो पाएगी.

अररिया(फारबिसगंज): जिले में बथनाहा-विराटनगर रेल लाइन पर इंजन ट्रायल के 18 महीने बाद भी उद्घाटन नहीं हो सका है. इससे लोगों में निराशा है. वहीं, बथनाहा-विराटनगर रेल परिचालन शुरू होने से दोनों देशों के बीच रिश्तों में मजबूती और व्यापार में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

बता दें कि भारत नेपाल सीमा के बीच 28 जनवरी 2011 को इरकॉन के जीएम बी सरकार ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू किया था. जिसके 8 साल के लंबे समय के बाद बथनाहा से बुद्धनगर तक रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया गया. 18 मई 2018 को परियोजना के निर्माण कार्य का जायजा लेने मालेगांव महाप्रबंधक एनके प्रसाद पूरी टीम के साथ बथनाहा आए थे. इस मौके पर उन्होंने इरकॉन के अधिकारियों को निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था. वहीं, उन्होंने बथनाहा बिराटनगर (नेपाल) रेल परियोजना के निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे इरकॉन के जेजीएम अश्वनी कुमार और रेलवे के अधिकारियो को 31 अक्टूबर 2018 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा कर अंतराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत पटरी पर रेल दौड़ने का लक्ष्य दिया. लेकिन बथनाहा से विराटनगर के बीच रेल लाइन पर पहली बार 4 नवंबर 2018 को रेल इंजन का ट्रायल बथनाहा से नेपाल के बुद्धनगर स्टेशन तक किया गया.

Inauguration could not take place even after 18 months of engine trial on Bathnaha to Viratnagar rail line
बथनाहा स्टेशन पर खड़ी माल ट्रेन

सेकेंड फेज में नेपाल के विराटनगर तक रेल का परिचालन
इसके अलावे महाप्रबंधक ने इरकॉन के जेजीएम अश्वनी कुमार और रेलवे के अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा था कि प्रथम फेज में 0 से 8 किमी यानी बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड (बुधनगर) तक रेल परिचालन किया जाए. वहीं, दूसरे फेज में नेपाल के बुधनगर से बिराटनगर तक रेल का परिचालन किए जाएं. बताया जा रहा है कि बथनाहा से विराटनगर तक लगभग 370 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रेल परियोजना का काम नेपाल के बुद्धनगर तक पूरी हो चुकी है. वहीं, बुद्धनगर से विराटनगर यार्ड के बीच निर्माण का मामला भूमि अधिग्रहण की पेंच में फंसा हुआ है. जहां जमीन के मालिकों ने मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट में केस दायर कर दिया है. हालांकि नेपाल के लोवर कोर्ट ने जजमेंट जमीन मालिकों के पक्ष में दिया है. लेकिन नेपाल सरकार ने लोवर कोर्ट के जजमेंट को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जिससे सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट आने तक विराटनगर यार्ड और स्टेशन के निर्माण का कार्य बाधित है.

रेल इंजन ट्रायल से थी दोनों देश के लोगों में खुशी
इस अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत भारत और नेपाल के बीच कई स्थानों पर निर्माणाधीन रेल लाइन की समीक्षा दोनों देशों के प्रधानमंत्री की ओर से कई बैठकों में की गई है. वहीं, बथनाहा से विराटनगर के बीच पहली बार रेलखंड पर रेल इंजन का ट्रायल होने से दोनों देशों के लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई थी. सामरिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नेपाल के व्यापारियों को भारत के रास्ते सस्ता और सुलभ तरीके से कच्चा माल और अन्य सामग्रियों की आपूर्ति हो पाएगी.

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